हिमाचलः बस अडडों पर स्वास्थ्य विभाग ने करवाई कार्यशाला, ड्राइवर-कंडक्टर को दी फस्र्ट एड की ट्रेनिंग

शिमला: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जुन्गा के सौजन्य से राजधानी शिमला, तारादेवी और ढली के बस अडडों पर सरकारी व निजी बसों के वाहन चालकों व परिचालकों को प्राथमिक चिकित्सा उपचार का प्रशिक्षण देने के लिए शिविर लगाया। सिविल अस्पताल जुन्गा के चिकित्सा प्रभारी डाक्टर मनोज वर्मा ने बताया कि बताया कि वाहन चलाना एक जोखिम भरा कार्य है और गाड़ी चलाते हुए कभी भी कोई आपदा आ सकती है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए चालक व परिचालकों को प्राथमिक चिकित्सा बारे जानकारी होना बहुत जरूरी है।

दुघर्टना होने की स्थिति में यदि बस चालक व परिचालक सुरक्षित है तो उन्हें संयम और धैर्य रखने की सबसे ज्यादा आवश्कता होती है और तुरंत पुलिस को सूचना दी जानी चाहिए। उन्होंने वाहन चालकों को बताया कि आपदा प्रबंधन नियमों के अनुसार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए दुर्घटना स्थल को तीन भागों ब्लैक, ग्रीन और येलो रेड में बांटा जाता है। येलो रेड का तात्पर्य घायल यात्रियों से है जिन्हें बस में रखे गए फस्र्ट एड बॉक्स को निकाल कर घायलों को प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल पहूंचाने के लिए सडक़ पर चले रहे वाहनों की मदद लेनी चाहिए। ब्लैक अर्थात जिनकी मृत्यु हो चुकी है और ग्रीन अर्थात जो यात्री बिल्कुल ठीक है।

हार्ट अटैक आने पर मरीज की छाती को दवाएं
डाक्टर मनोज ने बताया कि शिविर में फ्रेक्चर होने की स्थिति में किस प्रकार प्राथमिक उपचार मौके पर उपलब्ध सामान से किया जा सकता है। हार्ट अटैक आने की स्थिति में किस प्रकार व्यक्ति की छाती को दबाकर बाहर से सांस दी जा सकती है। इन सभी पहलुओं बारे जानकारी दी गई। एचआरटीसी ने स्वास्थ्य विभाग का आभार जताया।