गणपति बप्पा ने मुझे बचा लिया’, जाम के कारण छूटी फ्लाइट और बच गई भूमि चौहान की जान

अहमदाबादः कहते हैं कि जो होता है, अच्छे के लिए होता है। अहमदाबाद की रहने वाली भूमि चौहान की कहानी इस कहावत को साकार करती है। गुरुवार, 12 जून 2025 को, एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो की अहमदाबाद से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर रही थी, लेकिन टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद मेघनी नगर के घनी आबादी वाले क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस भीषण हादसे में 242 यात्रियों और क्रू मेंबर्स में से 241 की जान चली गई। लेकिन, भूमि चौहान की किस्मत ने उनका साथ दिया। महज 10 मिनट की देरी के कारण वह फ्लाइट मिस कर गईं, और यही देरी उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा वरदान बन गई।

ट्रैफिक ने बचा ली जान

भूमि चौहान अपने पति से मिलने लंदन जा रही थीं। गुरुवार सुबह वह सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए निकलीं, लेकिन अहमदाबाद की भीड़भाड़ और ट्रैफिक ने उनका रास्ता रोक लिया। चेक-इन गेट पर 10 मिनट की देरी से पहुंचने के कारण उन्हें बोर्डिंग की अनुमति नहीं मिली। भूमि ने बताया, “मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन एयरपोर्ट स्टाफ ने कहा कि देरी की वजह से मुझे फ्लाइट में नहीं चढ़ने दिया जा सकता। मैं निराश होकर वापस लौट आई।”

‘गणपति बप्पा ने बचा लिया’

जब भूमि को हादसे की खबर मिली, वह सन्न रह गईं। न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “मैं चेक-इन गेट पर 10 मिनट देरी से पहुंची थी। ट्रैफिक की वजह से मुझे देर हो गई थी। जब मुझे पता चला कि फ्लाइट क्रैश हो गई, मैं स्तब्ध रह गई। मैं अपनी देवी मां और गणपति बप्पा का शुक्रिया अदा करती हूं कि मैं बच गई। यह हादसा बेहद दुखद है, लेकिन मुझे लगता है कि यह भगवान की कृपा थी कि मैं उस फ्लाइट में नहीं थी।”

हादसे का भयावह मंजर

एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, ने दोपहर 1:38 बजे टेकऑफ किया। इसमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे, जिनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद, 1:50 बजे, विमान बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में जा गिरा, जहां उस समय 100 से अधिक छात्र लंच कर रहे थे। पूर्ण ईंधन टैंक के कारण विमान में आग लग गई, और आसमान में काले धुएं का गुबार छा गया। इस हादसे में पूर्व गुजरात मुख्यमंत्री विजय रूपानी सहित कई लोगों की जान चली गई। केवल एक यात्री, ब्रिटिश मूल का विश्वास कुमार रमेश (सीट 11A), जीवित बचा, जो अब अस्पताल में भर्ती है।

विमान क्रैश की भयावहता

फ्लाइट ने 625 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद सिग्नल खो दिया। पायलट ने टेकऑफ के तुरंत बाद ‘मेडे’ कॉल जारी किया, लेकिन इसके बाद कोई संपर्क नहीं हो सका। विमान मेघनी नगर के पास हॉस्टल में जा गिरा, जिससे न केवल विमान में सवार लोग मारे गए, बल्कि जमीन पर भी कई लोगों की जान गई।

बचाव कार्य और जांच

हादसे के बाद अहमदाबाद पुलिस, फायर ब्रिगेड और NDRF की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। एयर इंडिया ने हेल्पलाइन नंबर 1800 5691 444 और +91 80627 79200 जारी किए। टाटा समूह ने मृतकों के परिवारों के लिए 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और घायलों के पूर्ण चिकित्सा खर्च की घोषणा की। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और बोइंग की टीमें ब्लैक बॉक्स की जांच कर रही हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इंजन खराबी या तकनीकी गड़बड़ी हादसे का कारण हो सकती है।

पीएम मोदी का दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने हादसे पर गहरा दुख जताया। पीएम मोदी ने शुक्रवार को हादसे की जगह का दौरा किया और घायलों से मुलाकात की। 

भूमि चौहान की कहानी एक चमत्कार से कम नहीं है। ट्रैफिक की छोटी सी देरी ने उनकी जिंदगी बचा ली, और वह इसे भगवान की कृपा मानती हैं।