नई दिल्ली: कांग्रेस ने रविवार को पुणे के मावल तहसील में इंद्रायणी नदी पर बने पुल के ढहने से हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया और घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। महाराष्ट्र के पुणे के मावल तहसील में इंद्रायणी नदी पर बना लोहे का एक पुराना पुल रविवार अपराह्न ढह जाने से चार व्यक्तियों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गये। यह पुल पैदल यात्रियों के लिए था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पुल का ढहना अत्यंत दुखद और टाली जा सकने वाली त्रासदी है। उन्होंने कहा, “पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं तथा मैं नदी के बहाव में बह गए पर्यटकों के शीघ्र स्वस्थ होने और उनकी कुशलता की प्रार्थना करता हूं।”
खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “मैं बचाव दल के अथक समर्पण को सलाम करता हूं जो प्रभावित लोगों का पता लगाने और उन्हें बचाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। मैं इस विनाशकारी घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की भी कामना करता हूं।”
उन्होंने कहा, “इस अपूरणीय क्षति पर शोक व्यक्त करते हुए, यह महत्वपूर्ण है कि हम जवाबदेही की मांग करें। ऐसी रोकी जा सकने वाली त्रासदियों के लिए सत्ता में बैठे लोगों से सार्थक प्रश्न पूछे जाने चाहिए।” खरगे यह भी कहा कि इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार पाए गए सभी व्यक्तियों को कानून के तहत जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पुणे में इंद्रायणी नदी पर बने पुल के ढहने से कई लोगों के डूबने की खबर बेहद दुखद है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक पोस्ट में कहा, “मैं मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और जो लोग अब भी लापता हैं, उनकी सकुशलता की आशा करता हूं।”
उन्होंने लिखा, “प्रशासन से अपील है कि पूरी तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य किए जाएं।” कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि पुणे की मावल तहसील में पुल का गिरना एक हृदय विदारक त्रासदी है।
खेड़ा ने कहा, ‘‘हम उन परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया और हमारी प्रार्थनाएं उन लोगों के साथ हैं जो घायल हैं या अब भी लापता हैं।’’ उन्होंने कहा कि हर एक जान जो इस टाली जा सकने वाली दुर्घटना में गई, लापरवाही की कीमत की पीड़ादायक याद दिलाती है। उन्होंने कहा कि जनसुरक्षा को कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।
खेड़ा ने कहा, ‘‘इस गहरे शोक के क्षण में, हम राहत कार्यों में जुटी टीम के साहस और निस्वार्थ सेवा के लिए हृदय से आभार प्रकट करते हैं। शोक की इस घड़ी में जवाबदेही तय होना ज़रूरी है। लेकिन आज, हम सबसे पहले उन लोगों के साथ खड़े हैं जो अपनों के खोने के गहरे दुख में डूबे हैं, और उन सभी के साहस को नमन करते हैं जो अब भी तलाश कर रहे हैं, और अब भी उम्मीद से डटे हुए हैं।’’
तलेगांव दाभाडे थाने के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना दोपहर साढ़े तीन बजे कुंदमाला क्षेत्र में हुई, जहां पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं। उन्होंने बताया कि जब पुल ढहा, उस वक्त वहां पिकनिक मनाने आए कम से कम 100 लोग मौजूद थे। जिला प्रशासन की ओर से जारी एक बयान में बताया गया, ‘‘इस दुर्घटना में अब तक 38 लोगों को बचाया गया है, जिनमें से 18 गंभीर रूप से घायल हैं और उनका तीन अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इलाज के दौरान दो लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग अब भी ढहे पुल के नीचे फंसे हुए हैं।’’