धामी कैबिनेट की बैठक में इन 6 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर लिए फैसले

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न हो गई है। बैठक के दौरान, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा, धन सिंह रावत मौजूद रहे। कैबिनेट बैठक में कुल 6 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। बैठक संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री के सचिव शैलेश बगोली ने ब्रीफिंग कर प्रस्तावों की जानकारी को साझा किया।

कैबिनेट बैठक में 6 प्रस्तावों पर लगी मुहर: करीब ढाई घंटे चली धामी कैबिनेट की बैठक में निम्न फैसले लिए गए हैं।

– उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के तहत दो सेंटर बनाए गए हैं। लेकिन इसके जो सर्विस रूल्स बनाए गए थे, उनके शोध की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में विभागीय नियमावली को मंजूरी मिल गई है।

– औद्योगिक विकास खनन विभाग के तहत बागेश्वर क्षेत्र में इंस्पेक्शन को बढ़ाए जाने के लिए 18 पदों को बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस पर मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।

– उत्तराखंड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम 2012 के तहत आसन बैराज नदी के शुरुआती स्थान भट्टाफॉल से आसन बैराज तक यानी 53 किलोमीटर क्षेत्र को बाढ़ परिक्षेत्र की अधिसूचना जारी करने संबंधित था, जिस पर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

– देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदियों में जो क्षेत्र बाढ़ परिक्षेत्र घोषित किये गये हैं, उन क्षेत्रों में एसटीपी का निर्माण, एलिवेटेड रोड के लिए नींव समेत संरचना का निर्माण, रोपवे टावर का निर्माण कार्य, मोबाइल टावर निर्माण और हाई टेंशन विद्युत लाइन का निर्माण करने को मंजूरी दे दी है।

– पीडब्ल्यूडी के पांच निरीक्षण भवनों को पीपीपी मोड में डेवलप करने का निर्णय लिया गया था। ऐसे में इन पांचों निरीक्षण भवनों को पीपीपी मोड में विश्व स्तरीय गेट हाउस के रूप में डेवलप किया जाएगा। रानीखेत, उत्तरकाशी, दुगलबित्ता, हर्षिल और ऋषिकेश में स्थित पीडब्ल्यूडी के पांच निरीक्षण भवन को विकसित किया जाएगा।

– पैरा मेडिकल स्नातक के कोर्सेज के लिए उत्तराखंड पैरा चिकित्सा अधिनियम 2009 और उत्तराखंड पैरा चिकित्सा डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रावधान किया गया है। ऐसे में उनके मानकों को विनियमित करने, प्रवेश परीक्षा, पाठ्यक्रमों के मानकीकरण के साथ ही पंजीकरण के मानकों में एकरूपता लाने के लिए नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशन एक्ट 2021 के तहत काउंसिल (उत्तराखंड राज्य सैबत्त और स्वास्थ्य देखरेख परिषद) बनाए जाने पर मिली मंजूरी।

– महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग को आबकारी विभाग से मिलने वाले एक फीसदी सेस के पैसे का इस्तेमाल करने के लिए नियमावली को मिली मंजूरी।