अवनीश कुमार जैन को नोटिस: 7 दिन के अंदर नहीं दिया खंडन तो मानहानि के लिए क्षतिपूर्ति संबंधी बाद सक्षम न्यायालय में दायर कर दिया जाएगा

सेवा में

अवनीश कुमार जैन

कार्यालय पता- 7/1148-1149, बरतला यादगार सहारनपुर, उत्तर प्रदेश।

पिन- 247001

विषय- Whatsapp Group यूके मीडिया ग्रुप पर असत्य कथन कथित करते हुए मानहानिकारक लांछन प्रसारित करने के सम्बन्ध में।

महोदय,

मैं आपको निम्नलिखित सूचना पत्र प्रेषित करता हूँ-

1. यह कि अधोहस्ताक्षरी जनपद देहरादून में परगनाधिकारी सदर के पद पर कार्यरत है।

2. यह कि आप सम्बोधक के द्वारा Whatsapp Group जिसका नाम यूके मीडिया ग्रुप है पर एक बेबुनियाद लांछन का प्रकाशन किया गया है।

3. यह कि आपके द्वारा उक्त ग्रुप में यह लांछन प्रकाशित किया गया है कि बिंदाल और रिस्पना नदियों पर प्रस्तावित Elevated Corridor के नीचे 143 हो रही है ताकि भविष्य में वन टू का फौर किया जा सके। नदियों को सीने पर पट्टे चढ़ रहे है, पुष्कर राज 20 की साख को राष्ट्रीय स्तर पर धूमिल करने की साजिश में कौन-कौन नेता और अफसर शामिल? जल्द ही खुलासा सिर्फ Whispering, Uttarakhand पर।

4. यह कि उक्त ग्रुप में उपरोक्त लांछन प्रकाशित होने के बाद ग्रुप से जुड़े सभी लोगों के मध्य में उक्त लांछन प्रसारित व प्रकाशित हुआ।

5. यह कि देहरादून तहसील की भूमि की बाबत धारा 143 उत्तर प्रदेश जमीनदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 के अन्तर्गत भूमि को अकृषक घोषित करने का क्षेत्राधिकार, उपजिलाधिकारी सदर, होने के कारण अधोहस्ताक्षरी के पास है और आपका उक्त प्रकाशन अधोहस्ताक्षरी के प्रति मानहानिकारक है।

6. यह कि आपके द्वारा किया गया उक्त प्रकाशन पूर्णतः असत्य व दुराशय से ग्रस्त व सत्यता के विपरीत है।

7. यह कि आपके द्वारा अधोहस्ताक्षरी के विरुद्ध लांछन इस आशय से लगाया व प्रकाशित किया गया है कि ऐसे लांछन से अधोहस्ताक्षरी की ख्याति की अपहानि की जाये व आप लांछन लगाते समय यह जानते थे और आपके पास यह विश्वास करने का कारण था कि ऐसे लांछन से अधोहस्ताक्षरी की ख्याति की अपहानि होगी।

8. यह कि आप सम्बोधक के द्वारा वास्तविक तथ्यो का परीक्षण किये बिना जानबूझकर अपने उक्त ग्रुप में यह प्रकाशन किया गया है कि बिंदाल और रिस्पना नदियों पर प्रस्तावित Elevated Corridor के नीचे 143 हो रही है ताकि भविष्य में वन टू का फोर किया जा सके जबकि वास्तविकता यह है कि बिंदाल और रिस्पना नदियों पर प्रस्तावित Elevated Corridor के नीचे कोई भी आदेश धारा 143 उत्तर प्रदेश जमीनदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 के अन्तर्गत पारित नहीं किया गया है।

9. यह कि आपके द्वारा अधोहस्ताक्षरी की ख्याति को अपहानि करने के आशय से व यह ज्ञान रखते हुए की ऐसे लांछन से अधोहस्ताक्षरी की ख्याति की अपहानि होगी यह असत्य कथन का प्रकाशन भी किया गया है कि नदियों के सीने पर पट्टे चढ़ रहे है जबकि सत्यता यह है कि अधोहस्ताक्षरी के द्वारा उक्त Corridor के प्रकाशित होने से पहले व पश्चात् नदी भूमि पर कोई पट्टे आवंटित नहीं किये है।

10. यह कि आपके द्वारा लांछन अधोहस्ताक्षरी की ख्याति को अपहानि करने वाला है क्योकि उक्त लांछन से दूसरो की दृष्टि में प्रत्यक्षतः और अप्रत्यक्षतः अधोहस्ताक्षरी की सदाचारिक व अधोहस्ताक्षरी के बौधिक स्वरूप को हेय करता है व अधोहस्ताक्षरी को उसके पद के सम्बन्ध में अधोहस्ताक्षरी के शील को हेय करता है आपके उक्त असत्य व मानहानिकारक लांछन से अधोहस्ताक्षरी की साख नीचे गिरी है।

11. यह कि आप सम्बोधक के द्वारा दुराशय से अपने को सदोष अभिलाभ कारित करने व अधोहस्ताक्षरी को सदोष हानि कारित करने के उद्देश्य से बेईमानीपूर्ण आशय से अपने उपरोक्त Whatsapp Group में पूर्णताः असत्य व मानहानिकारक कथनो व समाचार को प्रकाशित किया है जो कि मानहानि की परिधि में आता है।

12. यह कि आप सम्बोधक के द्वारा किया गया उपरोक्त प्रकाशन भारतीय न्याय संहिता की धारा 356(2) के अन्तर्गत दण्डनीय है व इसके अतिरिक्त आप सामानांतर रूप से अधोहस्ताक्षरी को क्षतिपूर्ति अदा करने के लिए विधितः उत्तरदायी है।

अतः आप सम्बोधक को इस पत्र के माध्यम से सूचित किया जाता है कि आप सम्बोधक अपने उपरोक्त मानहानिकारक लांछन का एक सप्ताह के भीतर खंडन करे अन्यथा अधोहस्ताक्षरी आप सम्बोधक के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 के अन्तर्गत फौजदारी बाद योजित करने व साथ ही आप सम्बोधक के विरुद्ध क्षातिपूर्ति हेतु सिविल वाद योजित करने हेतु बाध्य होगा जिसके हर्जे खर्चे की जिम्मेदारी आप सम्बोधक की होगी।