देहरादून: चार धाम यात्रा में पहले दो सप्ताह में श्रद्धालुओं का आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 31 प्रतिशत गिरा है जबकि सरकार यात्रियों की संख्या पर बड़े बड़े दावे कर रही है।
यह बात उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। धस्माना ने कहा कि पिछले यात्रा सीजन 2024 में पहले दो सप्ताह में उत्तराखंड की चार धाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या नौ लाख इकसठ हजार थी जबकि इस बार पहले दो सप्ताह में केवल छह लाख बासठ हजार तीर्थ यात्री चार धाम पहुंचे हैं।
धस्माना ने कहा कि पिछले वर्ष तीर्थ यात्री जम्मू कश्मीर में भी जा रहे थे लेकिन इस वर्ष पहलगाम की आतंकवादी घटना के कारण जम्मू कश्मीर और वैष्णो देवी जाने वाले यात्रियों की संख्या घटी है। और यह अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि इसके कारण उत्तराखंड में पर्यटकों व तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ सकती है। लेकिन उत्तराखंड की चार धाम यात्रा में यात्रियों की संख्या अपेक्षा के विपरीत बहुत ज्यादा कम हुई है । धस्माना ने कहा कि इसका एक बड़ा कारण नैनीताल में नाबालिग के बलात्कार की घटना को सांप्रदायिक रंग दे कर माहौल बिगाड़ने का जो प्रयास हुआ उसका विपरीत संदेश पूरे देश में गया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आने से लोग सुरक्षित यात्रा के प्रति थोड़ा सशंकित हो गए हैं । दूसरा कारण पूरे देश में भारत पाकिस्तान युद्ध के कारण भी लोग घरों से बाहर यात्रा में निकलने से कतरा रहे थे। धस्माना ने कहा कि अब जबकि भारत पाकिस्तान युद्धविराम हो गया है और स्थितियां सामान्य हो गयी हैं । ऐसे में प्रदेश सरकार को अब पूरे देश और दुनिया में उत्तराखंड की चार धाम यात्रा सुगम और सुरक्षित होने का संदेश देना चाहिए जिससे आने वाले दिनों में यात्रियों की संख्या बढ़े।
धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड की चार धाम यात्रा आस्था- विश्वास के साथ साथ यहां के लाखों लोगों की रोटी रोज़ी से जुड़ी है इसलिए यात्रा का सफल होना पूरे राज्य के लिए आवश्यक है।