रक्षा मंत्री ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठककर सुरक्षा हालात का लिया जायजा

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष सैन्य नेतृत्व के साथ शुक्रवार को बैठक कर राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य की व्यापक समीक्षा की। यह समीक्षा भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की पाकिस्तान की कोशिशों को विफल किए जाने के एक दिन बाद की गयी। बताया जा रहा है कि सुरक्षा संबंधी बदलते हालात से जुड़े हर पहलू पर बैठक में चर्चा की गई। बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी शामिल हुए।

भारत ने बृहस्पतिवार रात को जम्मू, पठानकोट, उधमपुर एवं कुछ अन्य स्थानों में सैन्य प्रतिष्ठानों पर पाकिस्तान द्वारा मिसाइल एवं ड्रोन से हमला किए जाने के प्रयासों को विफल कर दिया। भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के प्रयासों को विफल किए जाने के बाद रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत ‘‘अपनी संप्रभुता की रक्षा करने और अपने लोगों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।’’

भारतीय सैन्य अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तानी ड्रोन एवं मिसाइलों का प्रभावी तरीके से मुकाबला किया तथा दुश्मन के प्रयासों को विफल कर दिया। पाकिस्तान ने 24 घंटे से कम समय पहले भी भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की इसी तरह की कोशिश की थी। रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार दोपहर को कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने मिसाइल और ड्रोन का उपयोग करके देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों के 15 शहरों में सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की पाकिस्तान की कोशिशों को विफल कर दिया। उसने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने बुधवार रात को अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज को निशाना बनाने का प्रयास किया।

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले कर उन्हें नष्ट कर दिया। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। गुरुवार शाम को पाकिस्तान ने जम्मू, पंजाब के पठानकोट और राजस्थान के जैसलमेर में ड्रोन व मिसाइल हमले की कोशिश की, जिसे भारतीय सेना ने पूरी तरह विफल कर दिया। 

अब भारत आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की तैयारी में है। इस रणनीति के तहत भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान को दिए गए कर्ज की समीक्षा करने का अनुरोध किया है।