दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने आदेश दिया है कि जो पाकिस्तानी नागरिक तय समयसीमा के भीतर भारत नहीं छोड़ेंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें गिरफ्तारी, मुकदमा चलाना, तीन साल तक की जेल और 3 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान शामिल है। पिछले चार दिनों में 9 राजनयिकों और अधिकारियों समेत कम से कम 9537 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान लौट गए हैं। इनमें 27 अप्रैल को ही 237 पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी हुई। इसके अलावा 24 अप्रैल को 28, 25 अप्रैल को 191 और 26 अप्रैल को 81 पाकिस्तानी नागरिक स्वदेश रवाना हुए।
सरकार ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) वीजा धारकों के लिए भारत छोड़ने की अंतिम तिथि 27 अप्रैल तय की थी। वहीं मेडिकल वीजा रखने वालों के लिए 29 अप्रैल तक का समय दिया गया था। तय डेडलाइन के बाद भारत में रुके पाकिस्तानी नागरिक अब गिरफ्तारी और मुकदमे का सामना कर सकते हैं।
जो लोग आगमन पर वीजा, व्यवसाय, फिल्म, पत्रकार, पारगमन, सम्मेलन, पर्वतारोहण, छात्र, विजिटर्स, सामूहिक पर्यटन, तीर्थयात्रा और सामूहिक तीर्थयात्रा वीजा पर भारत आए थे उन्हें समय पर लौटने का आदेश दिया गया था। लंबी अवधि वाले वीजा और राजनयिक या आधिकारिक वीजा धारकों पर इस आदेश का असर नहीं पड़ा है।
पाकिस्तान से भी बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक लौटे हैं। 24 से 27 अप्रैल के बीच 850 भारतीय नागरिक, जिनमें 14 राजनयिक और अधिकारी भी शामिल हैं, अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए भारत वापस आए। अकेले 27 अप्रैल को 116 भारतीय नागरिकों ने भारत में प्रवेश किया।
अटारी सीमा पर विदाई के दृश्य बेहद भावुक थे। कई भारतीय अपने पाकिस्तानी रिश्तेदारों को विदा करने पहुंचे। सरिता नामक युवती ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ नौ साल बाद भारत आई थी लेकिन अब मजबूरी में लौटना पड़ रहा है। सरिता की मां भारतीय नागरिक हैं लेकिन उन्हें पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी गई।