देहरादून : शुक्र अस्त होने से दो माह कोई भी मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। इसके अलावा सात मई से गुरु भी अस्त हो जाएंगे। इसके चलते 23 साल बाद मई और जून में शादी के लिए एक भी मुहूर्त नहीं है। हालांकि, दस मई को अक्षय तृतीया पर अबूक्ष मुहूर्त होने के चलते एक दिन शादी हो सकेगी।
उत्तराखंड विद्वत सभा के अध्यक्ष आचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं ने बताया कि शुक्र और गुरु दोनों के अस्त होने के चलते मई और जून में शादी का मुहूर्त नहीं है। हालांकि, मई में अक्षय तृतीया पर अबूक्ष मुहूर्त होता है, इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए शुभ मुहूर्त नहीं देखा जाता।
मई में इस दिन शादी हो सकेंगी। इसके अलावा दो महीने में शादी के लिए एक भी मुहूर्त नहीं है। आचार्य सुशांत राज ने बताया कि 23 साल बाद ऐसी स्थिति बन रही है, जिसमें मई और जून में शादियां नहीं होंगी।
गुरु प्रधान मीन राशि में प्रवेश करते ही सूर्य मलिन हो जाता है हर बार मई और जून में शादी के लिए कई मुहूर्त होते हैं। उन्होंने बताया, गुरु प्रधान मीन राशि में प्रवेश करते ही सूर्य मलिन हो जाता है।
इस कारण मांगलिक कार्यों की स्थिति नहीं बनती है। इसके बाद नौ जुलाई से ही शहनाई बजेंगी।