इस्लामाबाद: पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किए गए चीनी नागरिक को एक उच्च सुरक्षा वाली जेल से रिहा कर दिया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि एक आतंकवाद रोधी अदालत ने उसे जमानत दे दी है। अदालत का यह फैसला तब आया जब चीन के नए प्रधानमंत्री ली छ्यांग ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान के अपने समकक्ष शहबाज शरीफ से बात की थी। उत्तरपश्चिमी एबटाबाद शहर की आतंकवाद रोधी अदालत के न्यायाधीश सज्जाद अहमद ने 2,00,000 रुपये के मुचलके पर तियान नामक संदिग्ध को गुरुवार को जमानत दे दी।
बाद में उसे सुरक्षा कारणों से एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। ईशनिंदा से संबंधित धारा का हवाला देते हुए न्यायाधीश ने कहा कि यह मामला ‘‘उचित आधार’’ के दायरे में नहीं आता क्योंकि ईशनिंदा का आरोप ‘‘एक गलतफहमी का नतीजा’’ था। उन्होंने कहा कि कोहिस्तान में संबंधित पुलिस थाने ने चीनी नागरिक के खिलाफ एक ‘‘झूठा मामला’’ दर्ज किया था। ‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड के अनुसार आरोपी ने ऐसा कोई अपराध नहीं किया, अत: उसे जमानत दी जाती है।
चीनी नागरिक को 16 अप्रैल को अपर कोहिस्तान जिले में गिरफ्तार किया गया था जब एक भीड़ ने यह आरोप लगाते हुए कराकोरम राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था कि उसने परियोजना स्थल पर नमाज पढ़ने के लिए लंबे समय तक अवकाश लेने को लेकर मजदूरों के साथ बहस के दौरान ईशनिंदा की थी। खबर में कहा गया है कि दो वकीलों ने अदालत में याचिकाकर्ता की पैरवी की।
चीनी नागरिक को सुरक्षा कारणों से अदालत नहीं लाया गया। मार्च में पदभार संभालने वाले चीन के प्रधानमंत्री छ्यांग ने कहा, ‘‘चीन वित्तीय स्थिरता बनाने में पाकिस्तान की मदद करता है और उम्मीद करता है कि पाकिस्तान एक अनुकूल वातावरण बनाता रहेगा ताकि पाकिस्तान में चीनी संस्थानों और कर्मियों की सुरक्षा की गारंटी मिले।’’
वह चीनी कर्मियों और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) के तहत पाकिस्तान में परियोजनाओं पर आए दिन आतंकवादी हमलों का हवाला दे रहे थे। ली की टिप्पणियों के संदर्भ में शरीफ ने कहा, ‘‘पाकिस्तान अपने देश में चीनी कर्मियों, संस्थानों और परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर प्रयास करेगा।’’ पाकिस्तान की दंड संहिता के तहत ईशनिंदा के जुर्म में मौत की सजा या उम्रकैद का प्रावधान है।