केसीसी बैंक की घाटे में चल रही ब्रांचें होंगी मर्ज

धर्मशाला:  कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक जल्द ही घाटे में चल रही ब्रांचों को मर्ज करने का खाका बना रहा है। यह निर्णय बैंक प्रबंधन इसलिए ले रहा है ताकि कई स्थानों में बैंक को अच्छा मुनाफा दे रही ब्रांचों में चल रही कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जा सके।

इसके लिए स्वयं बैंक के अध्यक्ष कुलदीप पठानिया निदेशक मंडल की बैठक में प्रस्ताव लाएंगे। इसके लिए बैंक की ओर से ब्लू प्रिंट भी तैयार किया जाएगा जिससे ऐसी शाखाओं को मर्ज किया जाएगा, जो घाटे में चल रही हैं तथा कर्मचारियों के खर्चे नहीं निकाल पा रही हैं। इन शाखाओं के घाटे में जाने की वजह पिछले 7 साल से बैंक में कर्मचारियों की भर्ती न होना है।

इस वजह से कई अधिकारियों व कर्मचारियों के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद पद खाली चल रहे हैं या उन पर अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। इसके चलते भी बैंक की शाखाओं का कार्य प्रभावित हो रहा है।

अब कांगड़ा बैंक प्रबंधन इस दिशा में बकायदा मंथन कर चुका है और जिसके बाद अध्यक्ष ने स्वयं बी.ओ.डी. में इस दिशा में प्रस्ताव लाने का फैसला लिया है।

जिससे कि घाटे में चल रही शाखाओं को मर्ज किया जा सके और जो शाखाएं रहेंगी, उनमें कार्यप्रणाली को बेहतर बनाया जा सके।

मौजूदा समय में कांगड़ा बैंक की 5 जिलों में 217 शाखाएं हैं। जिन जिलों में कांगड़ा बैंक की शाखाएं चल रही हैं, उनमें जिला कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, कुल्लू व लाहौल-स्पीति शामिल हैं।

बैंक में भर्तियों के लिए सरकार से किया जाएगा आग्रह

कांगड़ा बैंक में कर्मचारियों की भर्ती के लिए बैंक प्रबंधन पुन: सरकार से आवेदन करेगा कि बैंक में नई भर्तियां करने के लिए सरकार हरी झंडी दे। हालांकि पहले भी सरकार के पास आवेदन भेजा गया था लेकिन बैंक का एन.पी.ए. बहुत अधिक होने के चलते मंजूरी नहीं मिली थी। अब बैंक द्वारा ओ.टी.एस. मिलने से बैंक ने एन.पी.ए. को कम किया है तो पुन: सरकार को बैंक प्रबंधन आवेदन करेगा कि बैंक में कर्मचारियों की भर्ती के लिए स्वीकृति दी जाए।

बैंक की ओर से ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है जिसमें घाटे में चल रही शाखाओं को मर्ज किया जाएगा और अच्छा कारोबार करने वाली शाखाओं में चल रही कर्मचारियों की कमी को दूर किया जा सके। इसके लिए बी.ओ.डी. में प्रस्ताव लाया जाएगा। साथ ही सरकार से कर्मचारियों की भर्ती के लिए भी आवेदन किया जाएगा। -कुलदीप पठानिया, अध्यक्ष, के.सी.सी. बैंक।