कांग्रेस ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन,राज्य के घपलों-घोटालों पर की जांच की मांग

देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में प्रदेश के राज्यपाल ले.कर्नल (सेनि) गुरमीत सिंह से राजभवन में मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें ज्ञापन देकर उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, सहकारिता विभाग, शिक्षा विभाग सहित सभी विभागों की भर्तियों में हुए भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की जांच सीबीआई अथवा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की देख-रेख में कराये जाने की मांग की।

प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को बताया कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से वीपीडीओ एवं अन्य पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा में 15-15 लाख रुपये लेकर पेपर लीक कर नौकरियां बेचने का मामला राज्य के सरकारी विभागों की भर्तियों में भारी भ्रष्टाचार का जीता-जागता प्रमाण है। राज्य के सहकारिता विभाग में विभिन्न पदों पर हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार एवं अनियमितता तथा भाई-भतीजावाद की पहले ही पोल खुल चुकी है। सहकारी बैंकों में 61 पदों पर हुई भर्तियों में बैंक अध्यक्ष, सचिव तथा अधिकारियों पर मिली भगत कर अपने रिश्तेदारों, चहेतों को रेवड़ी बांटने के आरोपों से ऐसा प्रतीत होता है कि सहकारिता विभाग में भर्ती घोटाले को राज्य सरकार की छत्रछाया में अंजाम दिया गया है।

उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग में स्नातक परीक्षा में हुए घोटाले तथा सहकारिता विभाग की भर्तियों में हुए घोटालों के खुलासे और सचिवालय रक्षक के 33 पदों तथा न्यायिक कनिष्ठ सहायक के 288 पदों पर हुई भर्ती की जांच के आदेशों से स्पष्ट हो गया है कि इससे पूर्व फॉरेस्ट गार्ड भर्ती, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम विकास अधिकारी, एलटी भर्ती सहित कई विभागों की लिपिकीय और चालकों की भर्ती में भी भारी घोटाला हुआ है। ये सभी भर्तियां संदेह के घेरे में हैं।

राज्यपाल को सौंपे एक अन्य ज्ञापन में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में संचालित लगभग 10 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा वर्ष 2013 से राज्य के महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के अधीन आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं एवं छह माह से तीन वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को पौष्टिक आहार वितरण कराने का कार्य किया जा रहा है। इस योजना से प्रदेशभर के लगभग 9 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं। टी.एच.आर. योजना से 2 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा आढ़तियों के माध्यम से खाद्य सामग्री एकत्र कर विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों को उपलब्ध कराई जा रही है, जिस पर विभिन्न प्रक्रियाओं के बाद एक स्वयं सहायता समूह को लगभग 10 लाख रुपये प्रतिमाह व्यय करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य के महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा विगत एक वर्ष से इन स्वयं सहायता समूहों का भुगतान रोक दिया गया है, जिसके कारण प्रत्येक स्वयं सहायता समूह पर आढ़तियों का लगभग 1 करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है। उन्होंने इस पर त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है।

प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, विधायक फुरकान अहमद, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना आदि के नाम शामिल रहे।