देहरादून: उत्तराखंड स्थित यमुनोत्री मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब उन्हें इस मेहनत-मशक्कत से जल्द निजात मिलने जा रही है। दरअसल, एक दशक से अधिक की देरी के बाद ही सही, लेकिन यमुनोत्री मंदिर तक रोपवे बनाने के प्रस्ताव को आखिरकार केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।
10 मिनट में बदल जाएगी पांच घंटे की यात्रा यमुनोत्री मंदिर को खरसाली गांव से जोड़ने वाली परियोजना के विकास के लिए सरकार जल्द ही 3.8 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरित करेगी। रोपवे बन जाने के बाद जो यात्रा पांच घंटे में पूरी होती थी, वो महज 10 मिनट में पूरी हो सकेगी। इससे समय और ईंधन दोनों की ही बचत होगी।
तीर्थयात्रियों को 5 किमी लंबी यात्रा से मिलेगी निजात यमुनोत्री मंदिर के लिए बन रहा। 3.7 किमी लंबा रोपवे यात्रा के समय को तो कम करेगा ही, इसके अलावा यह तीर्थयात्रियों, विशेषकर बुजुर्गों को पहाड़ की चोटी तक 5 किमी लंबी यात्रा से बचने में मदद करेगा। अधिकारियों के अनुसार, परियोजना का निर्माण इस साल गर्मी में शुरू होगा और दो साल की समय-सीमा में इसे पूरा कर लिया जाएगा। साल 2022 में 81 तीर्थयात्रियों की हुई थी मौत दरअसल, साल 2022 में पहाड़ों की दुर्गम चढ़ाई के कारण यमुनोत्री तीर्थ यात्रा के दौरान 81 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई थी। ऐसे में अब जब रोपवे की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी होने जा रही है तो मंदिर के पुजारी भी काफी खुश हैं। मीडिया से बात करते हुए एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि, ‘रोपवे बनाने के प्रयास 2006 में बहुत पहले शुरू हो गए थे।
यमुनोत्री मंदिर के लिए बढ़ेगी श्रद्धालुओं की संख्या प्राप्त जानकारी के अनुसार, खरसाली गांव के स्थानीय लोगों ने भी परियोजना के लिए पर्यटन विभाग को लगभग 1.5 हेक्टेयर जमीन दी है। हालांकि, इसके बाद भी यह परियोजना 16 साल से अधिक समय तक सरकार की फाइलों में अटकी रही है। फिलहाल, रोपवे तैयार होने के बाद उन तीर्थयात्रियों के आगमन का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा, जोकि दुर्गम चढ़ाई होने के कारण यहां आने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे।