उत्तरकाशी: जब से चारधाम यात्रा का आगाज हुआ है, तबसे से लेकर अब तक 17 यात्रियों की मौत हो चुकी है। मौत का मुख्य कारण हार्टअटैक बताया जा रहा है। हालही में उत्तर प्रदेश से यमुनोत्री धाम दर्शन करने आए दो यात्रियों की जानकीचट्टी में हृदय गति रुकने मौत हो गई है। ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और लंबी पैदल यात्रा से शरीर पर बल पड़ता है, जिसे कुछ लोगों का हृदय सहन नहीं कर पता है।
ऐसे में दिल के पुराने रोगी, उच्च रक्तचाप, डायबिटिज, धूम्रपान करने वाले, गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अटैक की आशंका बढ़ जाती है। कुछ दूर चलने पर सांस फूलना और छाती में दर्द जैसे लक्षणों पर तत्काल यात्रा स्थगित कर देनी चाहिए। यात्रा के पहले पड़ाव ऋषिकेश में स्क्रीनिंग की व्यवस्था से उच्च जोखिम वाले तीर्थयात्रियों की समय पर पहचान की जा सकती है। इसके लिए स्क्रीनिंग फार्म में केवल 10 सवालों को शामिल करने और कुछ जांच की जरूरत होगी।