यूनिफॉर्म सिविल कोड याचिका पर शीर्ष अदालत के फैसले का किया स्वागत : सीएम धामी

देहरादून: (आईएएनएस)| उत्तराखंड के सीएम धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर गठित कमेटी के खिलाफ दाखिल याचिका को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर देने के फैसले का स्वागत किया है। सीएम धामी ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के हमारी सरकार के कदम को भारतीय संविधान के अनुरूप वैध माना है। सीएम ने कहा कि राज्य में यूसीसी लागू करने को लेकर गठित समिति ड्राफ्ट तैयार कर रही है। और जल्द हमारी सरकार समान नागरिक संहिता लागू करेगी।

ज्ञात हो कि सोमवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए ड्राफ्ट तैयार करने को गठित कमेटी पर देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड की धामी सरकार द्वारा गठित की गई यूसीसी कमेटी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। दरअसल, धामी सरकार ने यूसीसी पर एक्सपर्ट कमेटी गठित की है। और इसे चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कमेटी गठित करने में गलत क्या है। अनुच्छेद 162 में राज्यों को इस तरह की कमेटी बनाने का पूरा अधिकार है।

जाहिर है सुप्रीम कोर्ट ने धामी सरकार को बड़ी राहत दे दी है। और इसके बाद अब अन्य बीजेपी शासित राज्यों में यूसीसी को लेकर तेजी दिखाई दे सकती है। वैसे ही सीएम धामी के यूसीसी लागू करने के फैसले के बाद कर्नाटक और गुजरात से लेकर कई बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने धामी सरकार का अनुसरण करने का एलान कर दिया है। दरअसल, सीएम धामी ने पिछले साल ठीक चुनाव से पहले सत्ता में लौटने पर राज्य में यूसीसी लागू करने का वादा किया था। और धामी सरकार 2.0 में सीएम कुर्सी पर काबिज होते ही पुष्कर सिंह धामी ने सबसे पहले इसी पर एक्शन लिया था। राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए धामी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था।

यूसीसी को लेकर गठित यह एक्सपर्ट कमेटी राज्य के सभी लोगों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले तमाम प्रासंगिक कानूनों की जांच करने और ड्राफ्ट कानून या मौजूदा कानून में संशोधन की रिपोर्ट तैयार करेगी। कमेटी में सिक्किम हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस प्रमोद कोहली, पूर्व चीफ सेक्रेटरी, पूर्व वीसी और एक सोशल एक्टिविस्ट को सदस्य बनाया गया है।

आईएएनएस