देहरादून: उत्तराखंड चिकित्सा, स्वास्थ्य न एवं परिवार कल्याण विभाग के तहत विभिन्न अस्पतालों से लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे 158 चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने बुधवार को बताया कि ये सभी चिकित्सक बिना बताए विभाग से अनुपस्थित चल रहे थे, जिसका प्रतिकूल प्रभाव प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार लापरवाह व गैरहाजिर चिकित्सकों को बख्शने के बिल्कुल मूड में नहीं है। भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। कहा कि हमारा मकसद प्रदेश में आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है, जिसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है।
डॉ. रावत ने बताया कि राज्य के विभिन्न राजकीय चिकित्सालयों में तैनात प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के इन 158 चिकित्सकों में से 60 चिकित्सकों ने कभी नौकरी ज्वाइन नहीं की। 59 चिकित्सक बिन बताए अनुपस्थित हैं जबकि 39 चिकित्सक परिवीक्षा अवधि से ही लापता हैं। उन्होंने बताया कि इनमें अल्मोड़ा जनपद के 12, नैनीताल, चम्पावत व उत्तरकाशी के 11-11, ऊधमसिंह नगर के 21, देहरादून व बागेश्वर के 9, पिथौरागढ़ के 5, हरिद्वार के छह, रुद्रप्रयाग के सात, पौड़ी गढ़वाल के 10 तथा टिहरी गढ़वाल व चमोली के 13-13 चिकित्सक शामिल हैं। इसके अलावा 20 और चिकित्सकों को भी बर्खास्त किया गया है।