सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन एकादशी व्रत को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ता है ऐसे साल में कुल 24 एकादशी व्रत किए जाते हैं जो कि भगवान विष्णु को समर्पित है इस दिन भक्त भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास भी रखते हैं पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से जातक को जन्म जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है और विष्णु कृपा से सुख समृद्धि बनी रहती है।
इस साल पापमोचनी एकादशी का व्रत 25 मार्च को किया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है इसके साथ ही इस एकादशी पर तुलसी पूजा का भी विधान है मान्यता है कि इस दिन तुलसी पूजा करने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा से धन भंडार भरते हैं तो आज हम आपको तुलसी पूजा की सरल विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
एकादशी पर ऐसे करें तुलसी पूजा—
पापमोचिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके तुलसी जी के पास अच्छी तरह साफ सफाई करें। इस दिन भूलकर भी माता तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि एकादशी पर देवी तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
माता तुलसी के पास घी या तेल का दीपक जलाएं उनको हल्दी और कुमकुम भी अर्पित करें फिर एक चुनरी कलावा, पुष्प, पंचामृत, मिठाई या फल अर्पित करें इसके बाद ॐ तुलस्यै नमः इस मंत्र का कम से कम 11 बार जाप जरूर करें। पूजा के अंत में माता तुलसी की विधिवत आरती करें फिर तुलसी की सात बार परिक्रमा करें। इस दिन तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए। ऐसा करने से देवी नाराज़ हो सकती हैं।