इस दिन है अन्नपूर्णा जयंतीए जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

उत्तरांचल दर्पण वेबडेस्क: हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को अन्नपूर्णा जयंती के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन मां अन्नपूर्णा प्रकट हुई थीं। इसी कारण हर साल इस दिन मां अन्नपूर्णा की विधिवत पूजा करने का विधान है। ऐसा करने से घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। मां अन्नपूर्णा हमेशा आपके घर में वास करती हैं। जानिए अन्नपूर्णा जयंती की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। अन्नपूर्णा जयंती तिथि- 8 दिसंबर 2022, गुरुवार

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – 7 दिसंबर 2022 को सुबह 08 बजकर 1 मिनट पूर्णिमा तिथि समाप्त – 8 दिसंबर 2022 को सुबह 09 बजकर 37 मिनट अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक साध्य योग – सुबह 02 बजकर 54 मिनट से 9 दिसंबर सुबह 03 बजकर 12 मिनट तक। शुभ-उत्तम मुहूर्त- सुबह 07 बजे से लेकर सुबह 08 बजकर 22 मिनट तक लाभ-उन्नति मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 30 मिनट से 01 बजकर 53 मिनट तक अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से दोपहर 03 बजकर 16 मिनट तक

अन्नपूर्णा जयंती 2022 पूजा विधि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन गैस-चूल्हा के साथ पूरे किचन को ठीक ढंग से साफ कर लें। इसके बाद गंगाजल से शुद्ध कर लें। फिर चूल्हा में स्वास्तिक बनाएं। फिर सिंदूर, अक्षत, लाल रंग का फूल और भोग लगाएं। फिर धूप या आरती कर दें। पूजा घर में मां अन्नपूर्णा की तस्वीर या मूर्ति एक चौकी में लाल रंग का वस्त्र बिछाकर स्थापित कर दें। इसके बाद मां को लाल रंग के फूल, सिंदूर, रोली, अक्षत आदि चढ़ा दें। इसके बाद मूंग की दाल के अलावा अन्य चीजों का भोग लगाएं। अंत में जल चढ़ाने के साथ घी का दीपक और धूप जलाएं। फिर मां अन्नपूर्णा के मंत्र, स्त्रोत आदि का पाठ करके विधिवत आरती कर लें और भूल चूक के लिए माफी मांग लें।