शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाते ही आक्रामक तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। रविवार को पत्रकार वार्ता में जयराम ठाकुर ने कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को दिशाहीन नेताओं का समूह करार देते हुए कहा कि पिछले दो हफ्तों में हिमाचल में अव्यवस्था की स्थिति बन गई है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी सरकार ने इतना निराश किया कि 10 दिन के अंदर ही जनता सड़कों पर उतर आई है। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने 10 दिन के अंदर अपनी गारंटियां पूरी करने की बात की थी, लेकिन सब चीजें बंद करते-करते उसने शायद उसने मंत्रिमंडल के गठन की व्यवस्था को भी बंद करने का फैसला कर लिया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हमने जनादेश का सम्मान किया है और उसे स्वीकर किया है। अबकी बार जनादेश 0.9% वोटों के अंदर से कांग्रेस को मिला है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि हिमाचल की जनता ने लगभग बराबरी का जनादेश दोनों दलों को दिया है, लेकिन लोकतंत्र में ज्यादा सीटें वाला सत्ता में जाता है और कम वाला विपक्ष में इसलिए अब बीजेपी विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए आपके सामने है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वो उम्मीद कर रहे थे कि हिमाचल प्रदेश की नई सरकार चुनाव के समय किए अपने वादों को पूरा करेगी। कहा था कि 10 दिन के अंदर ओपीएस लागू कर देंगे, 1500 रुपये महिलाओं के खाते में आना शुरू हो जाएंगे और हिमाचल में 1 लाख बेरोजगार नौजवानों को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि ये चुनावों से पहले और बाद भी लगातार कहा गया. लेकिन विचित्र परिस्थिति है कि हिमाचल में सरकार बने 14 दिन हो गए, लेकिन काम कुछ नहीं हो रहा. कांग्रेस सरकार ने 11 तारीख से लेकर अब तक ‘बंद-बंद-बंद’ और ‘डीनोटिफाई- डीनोटिफाई-डीनोटिफाई’ का राग छेड़ा हुआ है।
सरकार बनते ही उद्योग बंद, पटवार सर्कल बंद, स्वास्थ्य संस्थान बंद. ठाकुर ने कहा कि सरकार को रिव्यू करने का अधिकार है, लेकिन 1 अप्रैल के बाद हिमाचल में खुले संस्थानों को डीनोटिफाई करना गैरकानूनी है। वह भी ऐसे संस्थानों को, जिनमें से कई महीनों से काम कर रहे हैं. एक तरह से हिमाचल में कांग्रेस की ‘बंद एक्सप्रेस’ शुरू हो गई है।