राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने भविष्य की मांगों के अनुसार शिक्षा प्रणाली को नया आयाम दिया : प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) ने भविष्य की मांगों के अनुसार शिक्षा प्रणाली को नया आयाम दिया है। बजट-पश्चात वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा प्रणाली पहले सख्ती का शिकार थी। उन्होंने कहा, “एनईपी लचीलापन लेकर आई है और इसने भविष्य की मांगों के अनुसार शिक्षा प्रणाली को नया आयाम दिया है। प्रधानमंत्री ने 2023-24 के केंद्रीय बजट में की गई घोषणाओं को सूचीबद्ध करते हुए भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने की रूपरेखा को रेखांकित किया। 

युवा शक्ति का दोहन-कौशल और शिक्षा पर बजट के बाद के वेबिनार को संबोधित करते हुए PM नरेंद्र मोदी ने कहा, जो युवा स्किल इंडिया मिशन के तहत प्रशिक्षित हुए हैं, हम उनका भी अपडेटेड डेटा बेस तैयार करेंगे। क्योंकि कई ऐसे युवा होंगे, जिनके स्किल्स को अपग्रेड करने की जरूरत होगी। इस बजट में ‘पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना’ का भी ऐलान किया गया है। इससे हमारे पारंपरिक कारीगरों, हस्तशिल्पियों, कलाकारों के स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया जाएगा। आज भारत को दुनिया विनिर्माण हब के रूप में देख रही है। इसलिए आज भारत में निवेश को लेकर दुनिया में उत्साह है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ऐसे में कुशल कार्यबल आज बहुत काम आती है। नई टेक्नोलॉजी नई तरह की क्लासरूम के निर्माण में भी मदद कर रहे हैं। कोविड के दौरान हमने अनुभव भी किया है, इसलिए आज सरकार ऐसे टूल्स पर फोकस कर रही है जिससे कहीं भी ज्ञान की पहुंच सुनिश्चित हो सके। विकसित भारत के विजन को लेकर देश के अमृत यात्रा का नेतृत्व हमारे युवा ही कर रहे हैं। इसलिए अमृतकाल के इस प्रथम बजट में युवाओं को और उनके भविष्य को सबसे ज्यादा अहमियत दी गई है।  आज भारत को दुनिया विनिर्माण हब के रूप में देख रही है इसलिए आज भारत में निवेश को लेकर दुनिया में उत्साह है। ऐसे में कुशल कार्यबल बहुत काम आती है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.O आने वाले वर्षों में लाखों युवाओं को स्किल, रिस्किल, अपस्किल करेगी।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,देश में हमें प्रशिक्षण की संस्कृति का और विस्तार करना है। मेरा ये मानना है कि अप्रेंटिसशिप हमारे युवाओं को भविष्य के लिए तैयार होने में मदद करती है। हम भारत में अप्रेंटिसशिप को भी बढ़ावा दे रहे हैं। हमारे शैक्षिक संस्थान के लिए भी अब देश भर से शिक्षण सामग्री की अनेक प्रकार की विविधताएं, विशेषताएं जैसी अनेक चीजें उपलब्ध होने वाली है। इससे गांव और शहरों के विद्यालयों के बीच जो खाई होती थी, वो भी दूर होगी। सभी को बराबरी के अवसर मिलेंगे। सरकार ऐसे उपकरणों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जिससे कहीं भी शिक्षा प्राप्त करना सुनिश्चित हो सके। आज हमारे ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म में 3 करोड़ सदस्य हैं। वर्चुअल लैब और राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी में भी ज्ञान का बहुत बड़ा माध्यम बनने की संभावना है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,वर्षों से हमारा शिक्षा क्षेत्र कठोरता का शिकार रहा है। हमने इसे बदलने का प्रयास किया है। हमने युवाओं की शिक्षा और कौशलता को युवाओं की योग्यता और आने वाली मांग के मुताबिक नई दिशा दी। नई शिक्षा नीति में भी शिक्षा और कौशल दोनों पर समान जोर दिया गया है। देश की अमृत यात्रा का नेतृत्व हमारे युवा ही कर रहे हैं इसलिए इस बजट में युवाओं को अहमियत दी गई है। हमारी शिक्षा प्रणाली व्यावहारिक और उद्योग उन्मुख हो। ये बजट इसकी नींव मजबूत कर रहा है।