शिमला: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि देश के सभी नागरिकों की आरोग्यता सुनिश्चित करने तथा उन्हें बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ भारत के आयुर्वेद, योग और अन्य प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों का समावेश किया जाना चाहिए। अलग-अलग चिकित्सा पद्धतियों में कार्य कर रहे चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए तथा एक-दूसरे की चिकित्सा पद्धति को पूरा सम्मान देना चाहिए।
राज्यपाल गुरूवार को राजभवन में आरोग्य भारती की हिमाचल प्रदेश इकाई द्वारा ‘एक राष्ट्र एक स्वास्थ्य तंत्र’ विषय पर आयोजित एक परिसंवाद में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।