शिमला: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने नई दिल्ली में करुणा फाऊंडेशन एवं संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इंद्रप्रस्थ साहित्य महोत्सव की अध्यक्षता की। इस अवसर पर अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि पुस्तकें ज्ञान और सृजन का आधार हैं। ये देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ कला व साहित्य को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम हैं।
राज्यपाल ने विद्याॢथयों को पुस्तकें पढऩे के लिए प्रेरित करने का आह्वान करते हुए कहा कि अच्छी पुस्तकें पढ़ने से न केवल ज्ञानार्जन होता है, बल्कि पाठक में सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण भी विकसित होता है। उन्होंने कहा कि साहित्य जीवन की एक अटूट कड़ी है और भारत ने हजारों वर्षों में इसे सहेजा एवं संवारा है।
राज्यपाल ने इंद्रप्रस्थ साहित्य महोत्सव के आयोजन के लिए करुणा फाऊंडेशन के प्रयासों की सराहना की। उधर, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने नई दिल्ली में राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से भेंट की। उन्होंने इसके अलावा केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की।