शिकायतकर्ता की संतुष्टि कार्य का मानक, जनसमस्याओं के निस्तारण को दें शीर्ष प्राथमिकता: मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों और जोन, मंडल, रेंज व जिला स्तर के अधिकारियों के साथ प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि कार्य का मानक, जनसमस्याओं के निस्तारण को शीर्ष प्राथमिकता दें।

जनसमस्याओं और जनशिकायतों का मेरिट आधारित त्वरित समाधान पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कोविड से बचाव की तैयारियों, शीतलहर में आम जन को अधिकधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जारी प्रयासों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सभी लोककल्याणकारी प्रयासों के मूल में आम आदमी की संतुष्टि है। शासन-प्रशासन से जुड़े सभी अधिकारियों/कार्मिकों को इसे समझना चाहिए। आईजीआरएस/सीएम हेल्पलाइन जनता की समस्याओं के निदान का अच्छा माध्यम बन कर उभरा है। इसके प्रकरण लंबित न रहें। इनकी हर कार्यालय में सतत समीक्षा होनी चाहिए।

योगी ने कहा कि फील्ड में तैनात अधिकारी/कर्मचारी जनसमस्याओं के निस्तारण को शीर्ष प्राथमिकता दें। आमजन के साथ संवेदनशील व्यवहार रखें। यह ध्यान रखें कि आपका आचरण आम आदमी के मन में शासन के प्रति विश्वास का आधार बनता है। जनता की संतुष्टि ही आपके प्रदर्शन की श्रेष्ठता का मानक होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि थाना दिवस और तहसील दिवस को और प्रभावी बनाया जाना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करें कि शिकायतों का निस्तारण अगले थाना/तहसील दिवस से पूर्व जरूर हो जाए। जनसुनवाई की इन तिथियों को व्यापक प्रचार-प्रसार करें। यहां आने वाले मामले कतई लंबित न रहें।

उन्होंने कहा कि हर स्तर के फील्ड में तैनात अधिकारी अपने तैनाती क्षेत्र में ही रात्रि विश्राम करें। दूसरे क्षेत्र में निवास न करें। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस व्यवस्था के अनुपालन के लिए औचक निरीक्षण किया जाए।

योगी ने कहा कि मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, डीआईओएस, बीएसए, जिला पूर्ति अधिकारी जैसे जनता से सीधा जुड़ाव रखने वाले सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में ही आम जन से मिलें, उनकी शिकायतों/समस्याओं को सुनें और मेरिट के आधार पर निस्तारित करें। कैंप कार्यालय की व्यवस्था केवल कार्यालय अवधि के उपरांत अथवा अवकाश के दिनों में ही होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जनसुनवाई समाधान प्रणाली (आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन) को उपयोगी बनाने के लिए थाना, तहसील और जिला स्तर हो रही कार्रवाई पर शासन से लगातार नजर रखी जा रही है। नवंबर माह में अच्छा कार्य करने वाले जिलाधिकारियों, पुलिस कप्तानों, थानों और तहसीलों से औरों को प्रेरणा लेनी चाहिए, संतोषजनक प्रदशर्ंन न करने वाले जिलों, थानों और तहसीलों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की आवश्यकता है।

कहा कि प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देते हुए रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने के प्रयासों के क्रम में राज्य सरकार द्वारा हाल ही में अनेक नई इंडस्ट्रियल सेक्टोरल पॉलिसी लाई गई है। जिलाधिकारी गण, जिला उद्योग केंद्र अपने क्षेत्रों में इन नीतियों से उद्यमियों को अवगत कराएं। प्रदेश में स्टार्टअप इको-सिस्टम को बेहतर करने के लिए सभी को प्रयास करना होगा। इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे तकनीकी संस्थानों को इनक्यूबेटर बनाया जा सकता है। अपने क्षेत्रों में ऐसे संस्थानों की पहचान कर सम्बंधित विभाग को अवगत कराएं।

कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के ²ष्टिगत विगत दिनों बाराबंकी जनपद में एक दिवसीय निवेशक व निर्यातक सम्मेलन आयोजित किया गया था। बाराबंकी के यह प्रयास अन्य जिलों के लिए प्रेरणास्पद है। ऐसे आयोजन अन्य जिलों में भी किए जाने चाहिए।

-:आईएएनएस