देहरादून: जोशीमठ भू-धंसाव आपदा पीड़ितों को प्रदेश की धामी सरकार बड़ी राहत दे सकती है। शुक्रवार को होने वाली विशेष कैबिनेट बैठक में जोशीमठ के भविष्य को लेकर रोडमैप जारी किया जाएगा। सरकार की कवायद नई टिहरी की तर्ज पर नया जोशीमठ बसाने की है। इसको लेकर प्रशासन के स्तर से भूमि की तलाश शुरू कर दी गई है। बृहस्पतिवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर पर जोशीमठ के ताजा हालात की जानकारी देते हुए सचिव आपदा प्रबंधन ने भी इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और राहत पैकेज को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। साथ ही नया जोशीमठ कहां बसाया जाएगा, यह भी तय किया जाएगा।
फिलहाल कुछ सरकारी जमीनों को चिन्हित किया गया है। जीएसआई की ओर से इन जमीनों का भूमि सर्वेक्षण एवं भूगर्भीय अध्ययन किया जा रहा है। उधर, नया जोशीमठ बसाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सरकारी भूमि को खंगाला जा रहा है। इस काम में राजस्व से लेकर पालिका और ब्लॉक अफसर, कर्मियों को लगाया गया है। यहां बसाया जा सकता है नया जोशीमठ: जोशीमठ शहर के ठीक ऊपर कोटीबाग में उद्यान विभाग की करीब पांच हेक्टेयर भूमि है। इसी तरह मलारी रोड पर ढाक गांव में एनटीपीसी की भूमि मुहैया है। औली के समीप कोटी फार्म की भूमि के अलावा पीपलकोटी, गौचर, गैरसैंण तक सरकारी भूमि की तलाश की जा रही है। जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्र के सभी मकानों का मेजरमेंट किया जा रहा है। इसके बाद पुनर्वास वाली जगह पर एक राय बनाई जाएगी।
डाटा बेस होगा तैयार: जोशीमठ शहर का हाईरेजुलेशन मैपिंग डाटा बेस तैयार किया जाएगा। जीएसआई इस काम को कर रहा है। संस्थान के निदेशक डॉ. प्रसुन जाना ने बताया कि अभी तक उनके पास एक बाई 10 हजार रेजुलेशन के मैप हैं, जबकि नई मैपिंग एक बाई एक हजार के रेजुलेशन पर की जाएगी। हाई रेजुलेशन मैप मिलने से जोशीमठ शहर में आपदा प्रबंधन के साथ नए जोशीमठ को बसाने में मदद मिलेगी। प्रभावित परिवारों के सुझाव पर ही सरकारी भूमि का चयन किया जाएगा। स्थानीय लोगों की ओर से भी भूमि का सुझाव दिया जा रहा, जो भूमि चयनित की जाएगी, वहां भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया जाएगा, इसी के बाद वहां लोगों को बसाया जाएगा।
हिमांशु खुराना, जिलाधिकारी, चमोली