लखनऊ: उप्र माटी कला बोर्ड की ओर से दीपावली के अवसर पर सोमवार को यहां डालीबाग स्थित खादी भवन में सात दिवसीय माटीकला मेला एवं दो दिवसीय माटीकला कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ। मेले का उद्घाटन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम निर्यात प्रोत्साहन मंत्री राकेश सचान ने किया। मेले में प्रदेश के विभिन्न जिलों से शिल्पकारों एवं कारीगरों ने 75 स्टॉल लगाये हैं।
इस अवसर पर एमएसएमई मंत्री सचान ने कहा कि प्रदेश में हस्तनिर्मित मूर्तियों की लागत अधिक होने से चीन की मूर्तियां बाजार में ज्यादा बिकती रही हैं। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में आकर्षक, गुणवत्तायुक्त एवं कम लागत की मूर्तियां एवं दिये बनाने की कार्ययोजना तैयार कराई गई। इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अनुश्रवण समिति का गठन भी किया गया है।
उन्होंने कहा कि माटीकला बोर्ड के माध्यम से प्रजापति समाज के व्यक्तियों को बैंकों से वित्तीय सहायता दिलाई गयी और सरकार द्वारा मार्जिन मनी उपलब्ध कराते हुए इकाइयां स्थापित करायी जा रही हैं। शिल्पकारों एवं कारीगरों को व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त विद्युत चालित कुम्हारी चाक एवं मूर्तियां बनाने के लिए विभिन्न साइज की डाई का निःशुल्क वितरण कराया जा रहा है। प्रदेश में माइक्रो माटीकला कॉमन फैसेलिटी सेन्टर योजना के तहत माटीकला के छोटे-छोटे सामूहिक केन्द्र स्थापित कराकर उन्हें सुविधा सम्पन्न कराये जाने की दिशा में सरकार निरन्तर प्रयासरत है।
सचान ने कहा कि 18 एवं 19 अक्टूबर को दो दिवसीय माटीकला कार्यशाला का आयोजन भी बोर्ड के परिसर में किया गया है। इसमें सिरेमिक्स विशेषज्ञ, शिल्प एवं कला महाविद्यालय, लखनऊ, राष्ट्रीय ललित कला केन्द्र, अलीगंज, लखनऊ द्वारा पारम्परिक एवं आधुनिक माटीकला उत्पाद निर्माण तथा टेराकोटा में रिलीव एवं म्युरल कला उत्पाद निर्माण के अतिरिक्त अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी शिल्पकारों को दी जायेंगी। इससे वे अपने उत्पादों को और बेहतर और आकर्षक बना सकेंगे। उन्होंने आम जनता से भी अपील की है कि दीपावली के शुभ अवसर पर इस प्रदर्शनी में अधिक से अधिक लोग आयें और मिट्टी से निर्मित कलात्मक एवं आकर्षक कलाकृतियों की खरीदारी कर हस्तशिल्पियों का उत्साहवर्धन करें।
प्रदर्शनी में 75 स्टाल लगे हैं। माटीकला कारीगरों को निःशुल्क स्टाल आवंटित किये गये हैं। प्रदर्शनी में माटीकला से संबंधित सभी प्रकार के उत्पाद उपलब्ध हैं। माटीकला बोर्ड द्वारा वितरित डाई से बनी लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति, चुनार की पाटरी, आजमगढ़ की ब्लैक पाटरी, गोरखपुर का टेराकोटा, खुर्जा की ग्लेज्ड पॉटरी एवं भिन्न-भिन्न प्रकार के डिजाइनर दीये प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण है। इस अवसर पर उप्र माटीकला बोर्ड के अध्यक्ष, ओम प्रकाश गोला, अपर मुख्य सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग अमित मोहन प्रसाद के अतिरिक्त सचिव, प्रांजल यादव, उपस्थित रहे।