कीव: यूक्रेन पर रूसी हमले के सात माह से अधिक बीतने के बाद युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। रूस ने जनमत संग्रह के बाद यूक्रेन के चार शहरों को रूस में मिलाने का ऐलान किया है। इन चार शहरों में से एक जैपोरिझ्झिया पर हुई रूसी बमबारी में 23 लोगों की मौत हो गयी।
रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी को हमला किया था। हमले के सात महीने बाद भी दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है। युद्ध के दौरान रूस ने यूक्रेन के लगभग 15 प्रतिशत क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। इसमें से चार शहरों डोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसन और जैपोरिझ्झिया में रूसी सेना ने जनमत संग्रह कराकर कब्जे का ऐलान किया है। रूसी संसद के मुख्यालय क्रेमलिन ने इन चारों क्षेत्रों को शुक्रवार को रूस से जोड़ने की बात कही। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने चारों शहरों के प्रमुखों द्वारा इस विलय को हरी झंडी देने और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की उपस्थिति में इन शहरों को रूस से जोड़ने की जानकारी दी। इस जुड़ाव से पहले रूसी सेना ने इन चार शहरों में से एक जैपोरिझ्झिया पर बमों से हमला कर दिया। रूसी सेना ने जैपोरिझ्झिया के रिहायशी इलाकों में बम बरसाए। रिहायशी इलाकों और एक मानवीय काफिले पर रूसी बमबारी से 23 लोगों की मौत हो गयी और 28 लोग घायल हो गए।
इस बीच अमेरिका और पश्चिमी देशों ने यूक्रेन के चारों शहरों में कराए गए रूसी जनमत संग्रह को झूठा और अवैध करार दिया है। इसे किसी भी सूरत में मान्यता नहीं देने की बात कही है। यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने इस जनमत संग्रह की निंदा की है। नाटो देशों ने कहा है कि वह रूस के खिलाफ जल्द ही प्रतिक्रियात्मक कदम उठाएगा। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यूक्रेन में जनमत संग्रह के बाद रूस पर भूमि हड़पने का आरोप लगाया और कहा कि अमेरिका कभी भी दिखावटी जनमत संग्रह की वैधता या परिणाम को मान्यता नहीं देगा।