राम रहीम एक बार फिर आए जेल से बाहर, मिली फरलो

नई दिल्लीः डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर फरलो मिल गई है। राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली है। जिसके बाद वह मंगलवार को सुनारिया जेल से बाहर आ गया। हरियाणा की सुनारिया जेल से राम रहीम को मंगलवार सुबह लगभग 6.30 बजे पुलिस सुरक्षा में रिहा किया गया। वह फरलो की अवधि उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में बरनावा आश्रम में बिताएगा। बलात्कार के दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह ने जून 2024 में एक बार फिर फरलो की मांग की थी। राम रहीम ने 21 दिन की फरलो के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन इससे पहले फरवरी में हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा था कि वह डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को उसकी अनुमति के बिना आगे पैरोल न दे। उस समय हाईकोर्ट शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जिसने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को अस्थायी रिहाई दिए जाने को चुनौती दी थी।

गुरमीत राम रहीम सिंह अपनी दो शिष्याओं के साथ बलात्कार के मामले में 20 साल की जेल की सजा काट रहा है और रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल दी गई थी। इसे 10 दिन के लिए बढ़ाया भी गया था। फरलो एक तरह से छुट्टी की तरह होती है। जिसमें कैदी को कुछ दिन के लिए रिहा किया जाता है। फरलो की अवधि को कैदी की सजा में छूट और उसके अधिकार के तौर पर देखा जाता है। यह सिर्फ सजा पा चुके कैदी को ही मिलती है। यह आमतौर पर उस कैदी को मिलती है जिसे लंबे वक्त के लिए सजा मिली होण् इसका मकसद होता है कि कैदी अपने परिवार और समाज के लोगों से मिल सके। इसे बिना कारण के भी दिया जा सकता है। चूंकि जेल राज्य का विषय है, इसलिए हर राज्य में फरलो को लेकर अलगण्अलग नियम है। उत्तर प्रदेश में फरलो देने का प्रावधान नहीं है।

फरलो और पैरोल दोनों अलग-अलग बातें हैं। प्रिजन एक्ट 1894 में इन दोनों का जिक्र है। फरलो सिर्फ सजा पा चुके कैदी को ही मिलती है। जबकि पैरोल पर किसी भी कैदी को थोड़े दिन के रिहा किया जा सकता है। इसके अलावा फरलो देने के लिए किसी कारण की जरूरत नहीं होती। लेकिन पैरोल के लिए कोई कारण होना जरूरी है। परोल तभी मिलती है जब कैदी के परिवार में किसी की मौत हो जाए, ब्लड रिलेशन में किसी की शादी हो या कुछ और जरूरी कारण। किसी कैदी को पैरोल देने से इनकार भी किया जा सकता है। पैरोल देने वाला अधिकारी ये कहकर मना कर सकता है कि कैदी को छोड़ना समाज के हित में नहीं है। राम रहीम सिरसा स्थित अपने आश्रम में दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले में 20 साल की कैद की सजा काट रहा है। राम रहीम को पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने अगस्त 2017 में मामले में दोषी करार दिया था। इसके अलावा गुरमीत राम रहीम को पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में भी कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी।