देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की जनता से समान नागरिक संहिता के लिए अपने सुझाव देने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि विशेषज्ञ समिति ऐसा हितकारी मसौदा तैयार करेगी, जो दूसरे प्रदेशों के लिए भी अनुकरणीय होगा। उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति से विचार-विमर्श के बाद धामी ने कहा कि हम समान नागरिक संहिता के रूप में आज़ादी के अमृत काल में एक बड़ी इबारत लिखने जा रहे हैं और राज्य सरकार अपने हर वादे को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध है।
प्रदेश की जनता से इसके लिए अपने सुझाव देने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा, ”देश में आज तक किसी भी कानून को बनाते समय इतने बड़े स्तर पर जनता से सुझाव नहीं मांगे गए। प्रदेश के सभी नागरिकों और हितधारकों को एसएमएस और व्हाट्सऐप पर पोर्टल के लिंक के साथ अपील भेजी जा रही है, जिसके माध्यम से वे एक माह के भीतर अपने सुझाव दे सकते हैं।” विशेषज्ञ समिति ने एक पोर्टल की शुरूआत कर उसके माध्यम से समान नागरिक संहिता पर लोगों के सुझाव, राय, शिकायतें और आपत्तियां आमंत्रित की हैं।
पोर्टल पर 7 अक्टूबर तक लोग अपने सुझाव भेज सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रदेश की जनता से समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था और अपने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही इसका मसौदा तैयार करने के लिए समिति के गठन को मंजूरी दे दी गई। समिति के अब तक के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने आशा व्यक्त की कि विशेषज्ञ समिति प्रबुद्ध जनों के साथ ही आमजन से सुझाव प्राप्त कर प्रदेश की जनता के लिए हितकारी समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करेगी, जो दूसरे प्रदेशों के लिए भी अनुकरणीय होगा। समान नागरिक संहिता के प्रति उत्तराखंड की जनता की प्रतिक्रिया को ‘सकारात्मक’ बताते हुए धामी ने कहा कि अच्छी भावना से किए गए कार्य सफल होते हैं।