देहरादून (आईएएनएस): उत्तराखंड में पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने से सियासी हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में सीएम धामी सख्त कार्रवाई की बात कह रहे हैं। जिस तरह से लगातार पेपर लीक के मामले प्रदेश में सामने आए हैं। उससे लोगों का विश्वास परीक्षा कराने वाली संस्थाओं से उठ गया है। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला सामने आने के बाद सरकार और प्रदेश की जनता को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग पर काफी अधिक भरोसा और आयोग से काफी उम्मीदें थी। लेकिन उत्तराखंड लोक सेवा आयोग भी लोगों के उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया। दरअसल, लोक सेवा आयोग के माध्यम से कराई गई पटवारी और लेखपाल परीक्षा में भी पेपर लीक का मामला सामने आया। जिसके बाद से ही अब आयोगों पर तमाम तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं।
इस मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऐसी गंदगी करने वा और युवाओं का भविष्य खराब करने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा। हालांकि, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से कराए गए राजस्व उपनिरीक्षक परीक्षा का बड़ा खुलासा करते हुए एसटीएफ की टीम ने 5 लोगों की गिरफ्तारी की है। पेपर लीक मामला सामने आने के बाद पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया है। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुवेर्दी ने ही पेपर लीक मामले को अंजाम दिया है। लिहाजा पेपर लीक मामले की तह तक जाने को लेकर एसटीएफ ने चार टीमें गठित की हैं। जिन्हें प्रदेश के अन्य जगहों पर जांच के लिए भेजा गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आगे भी इस मामले पर छानबीन की जा रही है। प्रदेश के युवाओं से धोखा करने वालों को किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा। साथ ही सीएम ने कहा कि ऐसी गंदगी करने वाले और युवाओं का भविष्य खराब करने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा। जिस तरह से उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग भर्ती मामले पर कार्रवाई हुई है। उसी तरह से अन्य संस्था द्वारा यदि ऐसा किया गया है तो उन पर भी कार्रवाई होगी। ऐसे में अब सरकार नकल रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की तैयारी कर रही है।