नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को थोड़े समय के लिए जी7 शिखरवार्ता से लौटते हुए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भी रूके। इस दौरान उन्होंने यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मिले। इस दौरान उन्हों पूर्व राष्ट्रपति और अबू धाबी शासक शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के निधन पर शोक व्यक्त किया। नाहयान से वार्ता के दौरान उन्होंने भारत-यूएई के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की।
विदेश मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री ने शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शेख तहन्नौ बिन जायद अल नाहयान, उप प्रधानमंत्री शेख मंसूर बिन जायद अल नाहयान, अबू धाबी निवेश प्राधिकरण के एमडी शेख हमीद बिन जायद अल नाहयान, विदेश मामलों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान सहित अन्य परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ करने और विविधता लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
प्रधानमंत्री मोदी ने अल नाहयान को संयुक्त अरब अमीरात के तीसरे राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने और अबू धाबी के शासक बनने पर बधाई दी। प्रधानमंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान संयुक्त अरब अमीरात में 35 लाख भारतीय समुदाय की देखभाल करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने शेख नाहयान को जल्द से जल्द भारत आने के लिए आमंत्रित किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को जी7 शिखर सम्मेलन से लौटते हुए यूएई पहुंचे थे। यहां यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि अबू धाबी हवाई अड्डे पर स्वागत करने के लिए वे अपने भाई हिज हाइनेस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के विशेष भाव से अभिभूत हैं। वे उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक वीडियो मैसेज में इसे ‘स्पेशल गेस्चर’ बताया। उन्होंने कहा कि हिज हाइनेस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और शाही परिवार के सदस्य यहां प्रधानमंत्री मोदी से मिलने और बातचीत करने के लिए हवाई अड्डे पर आए ताकि प्रधानमंत्री को उनसे मिलने शहर तक न जाना पड़े।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को दुनिया के सात बड़े अमीर देशों के संगठन जी7 की शिखरवार्ता में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने भारत की वैश्विक भलाई और जलवायु परिवर्तन रोकने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने श्लॉस एल्मौ में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ सहित अन्य सम्मिलित देशों के नेताओं से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी7 में कहा कि उर्जा हासिल करना एक केवल अमीरों का विशेषाधिकार नहीं बल्कि एक गरीब परिवार का भी ऊर्जा पर बराबर का हक है। उन्होंने कहा कि यह धारणा गलत है कि गरीब देश और गरीब लोग पर्यावरण को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। भारत का इतिहास बताता है कि इस तरह की सोच पूरी तरह गलत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली बार अगस्त 2019 में अबू धाबी का दौरा किया था। उसी दौरान दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत बैठक हुई थी ।