देहरादून: टिहरी जिले के नरेंद्रनगर में 24वीं मध्य क्षेत्र परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा करते हुए कहा कि देश से कुपोषण समाप्त करना और स्कूली बच्चों का जीरो ड्रॉप आउट हमारी प्राथमिकता है।
बैठक में मोटा अनाज रागी के बराबर कोदो और कुटकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी किए जाने का फैसला किया गया। शाह ने कहा कि बच्चों में कुपोषण की समस्या को पूरी संवेदनशीलता के साथ दूर करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
इसी तरह बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर शून्य करने के लिए खास ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने मोटा अनाज के न्यूनतम समर्थन मूल्य बराबर किए जाने के फैसले पर कहा कि इससे देशभर विशेषकर मध्य क्षेत्र परिषद के सदस्य राज्यों के करोड़ों किसानों को फायदा होगा।
बैठक में तय हुआ कि लाख उत्पादन को संशोधित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में शामिल करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से अध्ययन कराया जाएगा। इससे लाख उत्पादन से जुड़े किसानों को लाभ होगा। देश में दो लाख नई प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) के गठन पर भी चर्चा हुई।
शाह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकार से बदलकर एक्शन प्लेटफार्म के रूप में कारगर साबित हुई हैं। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों का देश के जीडीपी और विकास में बहुत बड़ा योगदान है। पीएम ने हमेशा सहकारी संघवाद की भावना की मजबूती पर जोर दिया। क्षेत्रीय परिषदों ने समस्याओं का समाधान निकालने, वित्तीय समावेशन बढ़ाने और नीतिगत बदलावों में उत्प्रेरक की भूमिका निभाई। देश के किसानों को समृद्ध बनाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम के तहत अब देशभर के किसानों का 100 प्रतिशत दलहन, तिलहन और मक्का एमएसपी पर नेफेड खरीदेगा।