देव दीपावली पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में दिखेगी अलौकिक छटा, तैयारी शुरू

वाराणसी: देव दीपावली पर इस बार काशी विश्वनाथ दरबार को फूलों से अलौकिक रुप से सजाया जायेगा। ठीक वैसे ही जैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों लोकार्पण के पूर्व काशी विश्वनाथ धाम को सजाया गया था। इसके लिए विशाखापट्टनम के एक नामी डेकोरेटर श्री काशी विश्वनाथ धाम के लिए वॉलेंटियर के तौर पर सजावट का कार्य करने के लिए इच्छुक हैं। उन्हीं के द्वारा काशी विश्वनाथ धाम परिसर की सजावट फूलों से करायी जाएगी। इसमें 80 लाख रुपए का खर्च आएगा।

शुक्रवार को ये जानकारी वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने मीडिया कर्मियों को दी। उन्होंने बताया कि काशी की देव दीपावली पूरी दुनिया में विख्यात है। कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाये जाने वाले इस महाउत्सव के दौरान बनारस के सभी घाटों को लाखों दीयों से रौशन किया जाता है, जिसे देखने देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक वाराणसी पहुंचते हैं। काशी आने वाले पर्यटक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर भी जरूर जाते हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि देव दीपावली पर वाराणसी आने वाले पर्यटक काशी विश्वनाथ धाम की अलौकिक छटा के साक्षी बनें। मंदिर आने वाले पर्यटकों को नया अनुभव मिले, इसके लिए धाम परिसर की भव्य सजावट की जाएगी।

कमिश्नर ने बताया कि विश्वनाथ धाम का लोकार्पण होने के बाद वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। ऐसे में देव दीपावली पर काशी आने वाले सैलानियों की संख्या लाखों में होने का अनुमान है। प्रदेश सरकार जहां वाराणसी के सभी घाटों को 10 लाख दीयों से रौशन करके नया रिकॉर्ड बनाने जा रही है, वहीं नव्य-भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम को दिव्य और अलौकिक रूप देने के लिए फूलों से सजाने की तैयारी है। सरकार की ओर से इसके लिए 80 लाख रुपये खर्च किये जाएंगे।

आठ नवंबर को चंद्र ग्रहण के कारण सात नवंबर को ही मनेगा देव दीपावली

मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण के कारण इस बार 7 नवंबर को ही काशी में देव दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि धाम के लोकार्पण के बाद इस साल पहली देव दीपावली है। विश्वनाथ धाम को पहली बार देव दीपावली पर इतने भव्य रूप में सजाया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि इसे एक परंपरा का रूप देते हुए हर साल बाबा के दरबार को अलौकिक रूप से सजाया जाए, जिसमें यहां के दानदाताओं और व्यापारियों का भी सहयोग हो। काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद वाराणसी में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है, जिससे यहां व्यापार में भी वृद्धि हुई है और रोजगार के अवसर भी सृजित हुए हैं।का निर्देश दिया गया है।