नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पत्नी, अविवाहित बेटियों, माता-पिता को गुजारा भत्ता देने के लिए समान कानून की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले से लंबित याचिका के साथ इस याचिका की भी सुनवाई होगी।
भाजपा नेता शाजिया ने दायर याचिका में कहा है कि अलग-अलग धर्मों के पर्सनल लॉ समानता के मौलिक अधिकार के खिलाफ हैं। इसके पहले 16 दिसंबर, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में सभी धर्मों को मानने वाले लोगों के लिए संविधान की भावना के अनुरूप एक समान गुजारा भत्ता की व्यवस्था की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।
कोर्ट ने कहा था कि इस तरह की मांग से पर्सनल लॉ पर असर पड़ सकता है। हमें सावधानी से विचार करना होगा। वह याचिका भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है।