किन्नौर में प्रदूषण जांच केंद्र के न होने से धड़ाधड़ हो रहे चालान

रिकांगपिओ: इन दिनों समूचा किन्नौर जिला में एक भी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र न होने से वाहन चालकों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालत यह हो गई है कि प्रदूषण जांच केंद्र के न होने से वाहन चालकों के धड़ाधड़ चालान हो रहे हैं। यदि किन्नौर का कोई वाहन चालक अपने वाहन का प्रदूषण जांच के लिए रामपुर तक भी जाना हो तो 50 से 200 किलोमीटर का लंबा सफर करना पड़ रहा है। ऐसी सूरत में भी रास्तों में पुलिस जांच की मार पड़ रही है। बताया जा रहा है कि किन्नौर पुलिस भी इन दिनों इसी का ही फायदा उठा कर सब से पहले वाहन चालक से प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट दिखाने के लिए कह रही है। जिला में अब तो हालत ऐसे हो गए है कि कई वाहन चालकों ने तो अपने वाहन तक चलाना बंद कर दिए है जब तक रिकांग पिओ आदि स्थानों पर कोई प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित नहीं हो जाता।

इसी कड़ी में किन्नोरिंग सोशल डेवलपमेंट फाऊंडेशन के अध्यक्ष शांति स्वरूप पंचारसए जर्नल सेक्टरी ठाकुर बिष्ट, चंद्र पोल आदि संस्था के लोगों ने डीसी किन्नौर में मिल कर इस विषय को उठाया है। उन्होंने डीसी किन्नौर से मांग की है कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था जिला में अपना वाहन प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित नहीं करता है तो ऐसी स्थिति में साडा, पीडब्ल्यूडी या एचआरटीसी आदि विभागों से वाहन प्रदूषण जांच केंद्र जल्द स्थापित करवाया जाए ताकि हरेक वाहन चालक अपने वाहनों का प्रदूषण जांच करवा सके। पॉल्यूशन सर्टिफिकेट न होने पर हो रहे चालान वाहन पॉल्यूशन सर्टिफिकेट न होने की स्थिति में पांच हजार रुपए अधिकतम व तीन हजार रुपए न्यूनतम चालान का प्रावधान है।