नई दिल्ली: राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 300 से अधिक कर्मी बड़े मेटल कटर, खोजी कुत्तों और अन्य भारी उपकरणों की मदद से ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटनास्थल पर बचाव कार्यों को अंजाम दे रहे हैं तथा उनके शनिवार शाम तक अपने अभियान को पूरा कर लेने की संभावना है।
एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने शनिवार को बताया कि एनडीआरएफ की पहली टीम शुक्रवार रात साढ़े आठ बजे के आसपास बालासोर में घटनास्थल पर पहुंची थी और इस केंद्रीय एजेंसी के कर्मी दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के डिब्बों से अब तक कुल 44 पीड़ितों को जीवित बाहर निकालने और 71 यात्रियों के शव बरामद करने में सफल रहे हैं। करवाल ने दिल्ली में एनडीआरएफ मुख्यालय में कहा, ‘‘नौ टीम में बंटे 300 से अधिक कर्मी दुर्घटनास्थल पर काम कर रहे हैं।
हमें शनिवार शाम तक तलाश अभियान पूरा कर लेने की उम्मीद है।’’ करवाल ने बताया कि एनडीआरएफ के क्षेत्रीय आपदा प्रतिक्रिया कार्यालय से पहली टीम शुक्रवार शाम हादसे के लगभग पौने दो घंटे बाद दुर्घटनास्थल पर पहुंच गई थी। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की बाकी टीम कोलकाता और कटक जिले के मुंदाली से घटनास्थल के लिए रवाना की गईं।
एनडीआरएफ महानिदेशक ने कहा कि बल का मुख्य कार्य ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों को काटने के बाद उन पीड़ितों की तलाश करना और उन्हें बचाना है, जो जीवित बचे हैं। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ के खोजी कुत्तों के दल और महिला बचाव कर्मियों के अलावा चिकित्सा टीम भी स्ट्रेचर और ‘फर्स्ट-एड किट’ के साथ दुर्घटनास्थल पर मौजूद है।
करवाल ने कहा कि एनडीआरएफ कर्मी राज्य प्रशासन और रेलवे अधिकारियों के साथ समन्वय में बचाव अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के रेल हादसों से निपटने के लिए हमने पिछले एक साल में रेलवे के साथ कम से कम 55 अभ्यास किए हैं।’’