लाखों की चोरी का खुलासा, दो आरोपी गिरफ्तार, नकदी और जेवरात बरामद

देहरादून: पुलिस ने नेहरू कालोनी क्षेत्र में हुई चोरी का खुलासा करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लाखों के जेवरात व नगदी बरामद कर ली। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनको न्यायालय में पेश किया जहां से उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 17 अगस्त को सुरेंद्र सिंह गुसाईं निवासी कुमार गली, अजबपुरकंला, थाना नेहरू कॉलोनी, रिटायर्ड इन्जीनियर सीपीडब्लूडी द्वारा थाना नेहरू कॉलोनी पर तहरीर देकर बताया कि चोरों द्वारा उनके घर में घुसकर लगभग 30 लाख रूपये कीमत की ज्वैलरी व नगदी चोरी कर ली गयी है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान सुरेन्द्र गुसांई द्वारा बताया गया कि चोरी हुई ज्वैलरी की कुल कीमत 41 लाख रूपये है।घटना स्थल पर चोरों द्वारा घटना के समय सुरेन्द्र एवं उनकी पत्नी के कमरे का बाहर से कुन्डा लगा दिया गया था एवं घटना स्थल रेलवे पटरी के समीप था। पुलिस टीम को जानकारी मिली कि इस प्रकार से अपराध करने का तरीका सपेरा जनजाति के कुछ अपराधियों द्वारा अपनाया जाता है, जिस पर पुलिस टीम द्वारा नेहरू कॉलोनी क्षेत्र स्थित सपेरा बस्तियों में आरोपियों के सम्बन्ध में जानकारी करते हुए संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की गई तो पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि कुछ सपेरा जनजाति के व्यक्ति 10-12 दिन पहले नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में देखे गए थे तथा जो स्थानीय नही थे। पुलिस टीम द्वारा किये जा रहे अथक प्रयासों से दूधली रोड से घटना में सम्मिलित दो आरोपियों सौरभ पुत्र ठंडू तथा मनदीप पुत्र चंडू को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चोरी का शत प्रतिशत माल बरामद किया गया।

पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे दोनों सपेरा जनजाति के खानाबदोश किस्म के लोग हैं, जिनका कोई स्थाई ठिकाना नहीं है। चोरी की घटना अंजाम देने के दौरान आरोपियों द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है तथा सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिए घटना स्थल तक आने जाने हेतु रेलवे पटरी का प्रयोग किया जाता है तथा घटना को अंजाम देने के बाद तुरंत अपने कपडे भी बदल लिए जाते है, जिससे कोई उन्हें पहचान न सके। घटना करने के लिए आते समय और घटना करने के बाद जाते समय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग किया जाता है तथा रेलवे पटरी के आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा न होने के कारण उसके आस पास के घरों को ही घटना के लिए चिन्हित किया जाता है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनको न्यायालय में पेश किया गया जहां से उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।