रिकांगपिओ: जिला किन्नौर में पशुओं में लंपी बीमारी तेजी से फैलने लगी है तथा अब तक सैंकड़ों पशु इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं, जबकि लगभग 8 पशुओं की मौत हो चुकी है लेकिन पशुपालन विभाग के संबंधित औषधालयों व डिस्पैंसरियों में दवाई व स्टाफ की कमी के कारण पशुपालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान समय में लंपी बीमारी जिले में गायों को तेजी से चपेट में ले रही है, वहीं पशु औषधालयों व डिस्पैंसरियों में स्टाफ की कमी के चलते जिले के दूरदराज क्षेत्रों में बसे लोगों को यह ङ्क्षचता सताने लगी है कि बीमारी से ग्रसित गऊओं का समय पर टीकाकरण हो पाएगा की नहीं। प्रभावित क्षेत्र के लोगों का कहना है कि न तो विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में दवाइयां हैं और न ही पर्याप्त स्टाफ जो समय-समय पर आकर बीमार, लाचार पशुओं का उपचार कर सके। ऐसे में जनजातीय जिला किन्नौर में लंपी चर्म रोग भयानक रूप धारण कर सकता है। जानकारी के अनुसार अब तक किन्नौर जिले के निचार उप मंडल में 119 गऊएं, पूह उप मंडल में 10 और कल्पा 159 गऊएं लंपी बीमारी से ग्रसित हैं, जबकि जिले में अब तक 8 गऊओं की मौत हो चुकी है।
वरिष्ठ पशुपालन अधिकारी नेगी ने बताया कि जिले में दवाइयां आ चुकी हैं तथा प्रभावित क्षेत्रों में दवाइयां वितरित भी की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि विभाग के रिकार्ड के मुताबिक जिले में अब तक 288 गाएं लंपी बीमारी की चपेट में आई हैं, जिसमें से 143 ठीक हो गई हैं, जबकि 137 बीमार हैं और 8 गऊओं की मौत हो चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि जिले के सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं तथा लंपी बीमारी से निपटने के लिए मैगा प्लान तैयार किया जा रहा है।