ऋषिकेश: विद्युत क्षेत्र की अग्रणी, मिनी रत्न पीएसयू (सार्वजनिक उपक्रम), टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने सोमवार को अपनी सभी परियोजनाओं और यूनिट कार्यालयों के साथ कॉरपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में सतर्कता जागरूकता सप्ताह- 2024 का शुभारंभ किया। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक आर. के. विश्नोई ने गंगा भवन, ऋषिकेश में इस सप्ताह का उद्घाटन करते हुए सभी कर्मचारियों को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई। इस अवसर पर निदेशक (कार्मिक) शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (तकनीकी), भूपेंद्र गुप्ता, और निदेशक (वित्त), सिपन कुमार गर्ग भी उपस्थित रहे।
इस वर्ष का सतर्कता जागरूकता सप्ताह 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2024 तक सत्यनिष्ठा की संस्कृति से राष्ट्र की समृद्धि थीम के साथ मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य कार्यस्थल पर सत्यनिष्ठा और जवाबदेही की भावना को और अधिक सशक्त बनाना है। इस अवसर पर श्री विश्नोई ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा, यह सप्ताह हमें अपने कार्यस्थल पर उच्चतम नैतिक मूल्यों को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ करने का अवसर प्रदान करता है। सत्यनिष्ठा और पारदर्शिता ही हमारे संगठन की नींव है, जो टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की प्रगति में सहायक सिद्ध होती है।ष्
कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर. के. विश्नोई ने निदेशक (कार्मिक), निदेशक (तकनीकी) और निदेशक (वित्त) के साथ दो प्रकाशनों, श्सतर्कता पुस्तिका 2024 और सतर्कता विभाग द्वारा साल 2018 से 2024 के बीच जारी प्रणालीगत सुधार परिपत्र का अनावरण किया। सतर्कता पुस्तिका 2024 का उद्देश्य कर्मचारियों में सतर्कता प्रक्रियाओं के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना है। वहीं प्रणालीगत सुधार परिपत्र इस क्षेत्र में की गई विभिन्न सुधारात्मक पहल और प्रगति को दर्शाता है। इस अवसर पर निदेशक (कार्मिक), शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में किया जाता है, जो राष्ट्रीय एकता, सत्यनिष्ठा और पारदर्शिता के प्रतीक थे। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एक सकारात्मक कार्य-संस्कृति का निर्माण करना हम सभी की जिम्मेदारी है, जिसमें सभी कर्मचारी अपने कार्यों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व का पालन करें। उन्होंने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के कर्मचारियों को अपने कार्यक्षेत्र में सत्यनिष्ठा को अपनाने के लिए प्रेरित किया, जिससे सतर्कता एक सुदृढ संगठनात्मक मूल्य बन सके। निदेशक (तकनीकी), भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में सतर्कता सिर्फ निगरानी का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह सुधार, मानकों की वृद्धि, और ऊर्जा क्षेत्र में प्रासंगिकता बनाए रखने का आधार है। उ
न्होंने बताया कि सतर्कता, प्रक्रियाओं को सुधारने का एक उपकरण है जो संगठन की प्रगति और देश की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति में मदद करती है। निदेशक (वित्त), श्री सिपन कुमार गर्ग ने संगठन में वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही को बनाए रखने में सतर्कता की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एक सतर्क और सजग कार्यबल टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की वित्तीय प्रतिबद्धताओं और दायित्वों के निर्वहन को सुनिश्चित करता है, जिससे संगठन में एक वित्तीय अनुशासन की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।
इस वर्ष के सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान, कर्मचारियों में सतर्कता और सत्यनिष्ठा के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न रचनात्मक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इनमें “सतर्क भारत, उन्नत भारत” थीम पर नारा प्रतियोगिता, “सत्यनिष्ठा की संस्कृति से राष्ट्र की समृद्धि” पर निबंध प्रतियोगिता, और “सत्यनिष्ठा से आत्मनिर्भरता” विषय पर भाषण प्रतियोगिता शामिल हैं। इन गतिविधियों का उद्देश्य टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के कर्मचारियों को सक्रिय भागीदारी के माध्यम से सत्यनिष्ठा और जवाबदेही के सिद्धांतों को अपने कार्यों में लागू करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस प्रकार, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड अपने उच्चतम मानकों पर पारदर्शिता, सत्यनिष्ठा और जवाबदेही को बनाए रखते हुए भारत की ऊर्जा सुरक्षा में योगदान देने के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित है।