नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को रामनगरी अयोध्या में बनाये गये लता मंगेशकर चौक का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि लता दीदी के नाम पर बना चौक हमारे देश में कला जगत से जुड़े लोगों के लिए भी प्रेरणा स्थली की तरह कार्य करेगा।
उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर चौक बताएगा कि भारत की जड़ों से जुड़े रहकर, आधुनिकता की ओर बढ़ते हुए, भारत की कला और संस्कृति को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है। भारत की हजारों वर्ष पुरानी विरासत पर गर्व करते हुए भारत की संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाना भी हमारा दायित्व है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रभु राम हमारी सभ्यता के प्रतीक पुरुष हैं। राम हमारी नैतिकता, मूल्यों, मर्यादा, कर्तव्य के जीवंत आदर्श हैं। अयोध्या से लेकर रामेश्वरम् तक राम भारत के कण-कण में समाये हुये हैं।
उन्होंने कहा कि लता जी, मां सरस्वती की एक ऐसी ही साधिका थीं, जिन्होंने पूरे विश्व को अपने दिव्य स्वरों से अभिभूत कर दिया। स्वर कोकिला लता मंगेशकर से जुड़ी यादों को प्रधानमंत्री ने भावुक और स्नेहिल स्मृतियां बताया। उन्होंने कहा कि हमेशा उनसे बातचीत करते उनकी वाणी की युग-परिचित मिठास उन्हें मंत्र-मुग्ध कर देती थी।
राममंदिर निर्माण के भूमिपूजन से जुड़ा संस्मरण याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या में भूमिपूजन संपन्न होने पर उनके पास लता दीदी का फोन आया था। वे बहुत खुश और आनंदित थीं। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि आखिरकार राम मंदिर का निर्माण शुरू हो रहा है। मोदी ने कहा कि अयोध्या के भव्य मंदिर में श्रीराम आने वाले हैं और उससे पहले करोड़ों लोगों में राम नाम की प्राण प्रतिष्ठा करने वाली लता दीदी का नाम, अयोध्या शहर के साथ हमेशा के लिए स्थापित हो गया है।
करीब आठ करोड़ से बने लता मंगेशकर चौक पर 40 फिट ऊंची और 14 टन वजन की 10 फिट चौड़ी भव्य वीणा आकर्षण का केंद्र है। इस पर सरस्वती एवं मोर के चित्र उकेरे गए हैं। लोकापर्ण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी और उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह उपस्थित रहे।