धर्म: नवरात्रि के पवित्र दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की अलग-अलग दिन पूजा-अर्चना की जाती है। हर दिन मां के अलग स्वरूप को समर्पित होता है। नवरात्रि के पांचवे दिन आज मां स्कंदमाता की पूजा का विधान है।
मां स्कंदमाता को मां दुर्गा का मातृत्व परिभाषित करने वाला स्वरूप माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि स्कंदमाता की आराधना से सूनी गोद जल्द भर जाती है. आइए जानते हैं स्कंदमाता की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र….
चैत्र नवरात्रि 2023 पांचवे दिन का मुहूर्त:-
चैत्र शुक्ल पंचमी तिथि शुरू – 25 मार्च 2023, दोपहर 04.23
चैत्र शुक्ल पंचमी तिथि समाप्त – 26 मार्च 2023, दोपहर 04.32
शुभ (उत्तम) – सुबह 07.52 – सुबह 09.24
प्रीति योग – प्रात: 12.20 – रात 11.33
रवि योग – 26 मार्च 2023, दोपहर 02.01 – 27 मार्च 2023, सुबह 06.18
प्रिय रंग – पीला
प्रिय भोग – केला
मां स्कंदमाता का मंत्र
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।
मां स्कंदमाता की पूजा विधि:-
चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनें।
मां स्कंदमाता.को पीला चंदन, पीली चुनरी, पीली चूड़ियां, पीले फूल अर्पित करें।
पूजा में ऊं स्कंदमात्रै नम: का जाप करते रहें।
मां स्कंदमाता को केले का भोग अति प्रिय है। खीर में केसर डालकर भी नेवैद्य लगाया जा सकता है।
मां स्कंदमाता के मंत्रों का जाप करें और आरती के बाद 5 कन्याओं को केले का प्रसाद बांटें।
मान्यता है इससे देवी स्कंदमाता बहुत प्रसन्न होती है और संतान पर आने वाले सभी संकटों का नाश करती है। संतान हर कठिनाईयों को आसानी से पार करने में सक्षम बनता है।