देहरादून: जस्टिस विपिन सांघी ने मंगलवार को राजभवन में हाईकोर्ट नैनीताल के 12वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
मंगलवार शाम राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने एक कार्यक्रम में नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विपिन सांघी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण, मुख्य सचिव एसएस संधू सहित अन्य गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।
इससे पूर्व उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अशोक देसाई, एचएस कपाड़िया, विकास श्रीधर शिरपुरकर, सीरियक जोसेफ,राजीव गुप्ता,विनोद गुप्ता,जेएस खेहर, बारिन घोष, केएम जोसेफ,रमेश रंगनाथन और राघवेंद्र सिंह चौहान मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी का जन्म 27 अक्टूबर 1961 को नागपुर में हुआ। साल 1965 में वे परिवार के साथ नागपुर से दिल्ली स्थानांतरित हो गए। दिल्ली में स्कूली शिक्षा प्राप्त की और साल 1980 में दिल्ली पब्लिक स्कूल से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की। साल 1983 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएससी गणित (ऑनर्स) से स्नातक किया और उसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी से एलएलबी किया। एक वकील के रूप में दिल्ली बार काउंसिल में दाखिला लिया।
सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के पैनल वकील के रूप में भी सांघी नियुक्त हुए। दिसंबर, 2005 में उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। 29 मई, 2006 से दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त और 11 फरवरी, 2008 को एक न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। न्यायमूर्ति विपिन सांघी के दादा स्व. वीके सांघी और पिता स्वर्गीय जीएल सांघी भी वरिष्ठ अधिवक्ता रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने पौध भेंट कर दी शुभकामनाएं-
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी से उनके शपथ लेने के उपरांत पौधा भेंट कर उनके सफल कार्यकाल के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि न्यायमूर्ति विपिन सांघी के अनुभव का लाभ उत्तराखंड राज्य को प्राप्त होगा एवं न्यायिक क्षेत्र में वे अद्वितीय प्रतिमान स्थापित करेंगे। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष एवं मुख्य न्यायाधीश के बीच प्रदेश को लेकर विभिन्न विषयों पर वार्ता भी हुई।