बीजिंग: चीन के कई शहरों में हुए जोरदार विरोध प्रदर्शनों के सामने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को झुकने पर मजबूर कर दिया है। अब चीन की सरकार जल्द ही कोरोना नियंत्रण नीति में बदलाव करेगी। नई नीति में संक्रमण के रोकथाम से ज्यादा जोर संक्रमित मरीजों के इलाज पर दिया जाएगा।
चीन सरकार की सख्त कोरोना नियंत्रण नीति के विरोध में पिछले कुछ दिनों से जोरदार आंदोलन चल रहा है। लोग सड़कों पर उतर कर चीन सरकार को चुनौती दे रहे हैं। बवाल बढ़ने के बाद चीन सरकार ने कोरोना को लेकर नीति में बदलाव की तैयारी की है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सख्ती में कमी के संकेत दिए जाने के बाद कोरोना नियंत्रण के नए बीस सूत्रीय उपाय घोषित किये हैं। अब जनवरी की शुरुआत से कोरोना नियंत्रण की नीति में और ढील दी जाएगी। तब घोषित बीस सूत्रीय उपायों को लागू करने में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सरकार कोरोना को आम संक्रामक बीमारी के रूप में मान्यता देकर महामारी खत्म होने का ऐलान भी कर देगी।
चीन सरकार की प्रस्तावित नई नीति में कोरोना संक्रमण की रोकथाम से ज्यादा जोर उपचार पर दिया जाएगा। हर संक्रमित व्यक्ति को पूरा इलाज सुनिश्चित करने की बात नई नीति में शामिल की जाएगी। विश्लेषक भी मानते हैं कि चीन की मौजूदा समस्या का मूल कारण बीते दो वर्षों में कोरोना पर काबू पाने में चीन का नाकाम रहना है। इसके लिए चीन में बनी कोरोना वैक्सीन के कम प्रभावी होने को असली कारण बताया जा रहा है। यह वैक्सीन शुरुआती कोरोना-19 वायरस से बचाव में सक्षम साबित हुई, लेकिन बाद में आये इसके स्ट्रेन और वैरिएंट से बचाव में यह वैक्सीन सफल साबित नहीं हुई। अब माना जा रहा है कि चीन सरकार विदेश में बनी वैक्सीन के प्रयोग की अनुमति भी दे सकती है।