तेहरान: ईरानी विदेश मंत्रालय ने ईरान में आतंकवाद का समर्थन करने और हिंसा व अशांति भड़काने के लिए यूरोपीय संघ (ईयू) और ब्रिटेन के कई व्यक्तियों और संस्थाओं पर नए प्रतिबंध लगाया है। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में कहा कि यह कदम जैसे को तैसा की कार्रवाई है।
ईरान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप, ईरान के बारे में गलत जानकारी का प्रसार और ईरानियों के खिलाफ क्रूर प्रतिबंधों के कारण यह कार्रवाई की गई है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार तीन ईयू संस्थाओं और 22 व्यक्तियों, एक ब्रिटिश इकाई और आठ मौजूदा और पूर्व अधिकारियों पर वीजा प्राप्त करने और ईरान में प्रवेश करने पर पाबंदी और ईरान मं उनकी संपत्ति व बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया गया है।
जिन पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें शहरों और आवास के लिए फ्रांसीसी मंत्री प्रतिनिधि ओलिवियर क्लेन, यूरोपीय संसद के सदस्य डिटमार कोस्टर, इंग्लैंड के अटॉर्नी जनरल विक्टोरिया मैरी प्रेंटिस और ब्रिटिश गुप्त खुफिया सेवा के पूर्व प्रमुख रिचर्ड बिलिंग डियरलोव शामिल हैं।
सोमवार को यूरोपीय संघ ने देश में हाल के विरोध प्रदर्शनों की प्रतिक्रिया के लिए ईरान की इस्लामी क्रांति गार्ड कॉर्प्स की इकाइयों सहित 30 से अधिक ईरानी अधिकारियों और संगठनों पर प्रतिबंध लगाया था। यूके और यूएस ने भी उसी दिन ईरान पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की।
22 वर्षीय महसा अमिनी की 16 सितंबर, 2022 को तेहरान के एक अस्पताल में मृत्यु हो जाने के बाद ईरान में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। ईरान ने अमेरिका और कुछ अन्य पश्चिमी देशों पर देश में दंगे भड़काने और आतंकवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है।