नई दिल्ली: अमेरिका से पहले बैच में दो एमएच-60 रोमियो समुद्री हेलीकॉप्टर गुरुवार को भारत पहुंच गए हैं। लंबी दूरी तक दुश्मन का सफाया करने वाले दोनों हेलीकॉप्टर अमेरिकी वायु सेना के सी-17 परिवहन विमान से कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाये गए हैं। तीसरा मल्टीरोल हेलीकॉप्टर अगले माह अगस्त में मिलेगा। भविष्य में भारतीय नौसेना की आंख, कान बनकर यह रोमियो हेलीकॉप्टर लंबी दूरी तक अपने दुश्मन का सफाया करने में सक्षम होंगे। साथ ही इससे भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की समुद्री युद्ध क्षमता और मजबूत होगी।
भारतीय नौसेना अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन से 24 हेलीकॉप्टर 2.6 अरब डॉलर के उस सौदे के तहत खरीद रही है, जो फरवरी, 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के समय हुई थी। इसके बाद अमेरिका के नेवल एयर स्टेशन नॉर्थ आइलैंड में जुलाई, 2021 में एक समारोह के दौरान भारत को 03 एमएच-60आर सीहॉक सौंपे गए थे। उस समय भारतीय नौसेना के 18 कर्मियों की एक टीम अमेरिका में हेलीकॉप्टरों के उड़ान का प्रशिक्षण लेने के लिए गई थी। इन्हीं हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल एयरक्रू और तकनीकी चालक दल के पहले भारतीय बैच को अमेरिका के पेंसाकोला, फ्लोरिडा और सैन डिएगो में प्रशिक्षण देने के लिए किया गया। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद दोनों हेलीकॉप्टर भारत भेजे गए हैं। तीसरा हेलीकॉप्टर 22 अगस्त को भारत आएगा।
नौसेना प्रवक्ता के अनुसार अमेरिकी नौसेना के साथ हुए अनुबंध के तहत सभी 24 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति 2025 तक पूरी हो जाएगी। अत्याधुनिक मिशन सक्षम प्लेटफार्मों को शामिल करने से भारतीय नौसेना की अभिन्न एएसडब्ल्यू क्षमता को काफी बढ़ावा मिलेगा। मल्टी रोल एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर मिलने से भारत को सतह-विरोधी और पनडुब्बी-रोधी युद्ध अभियानों को अंजाम देने की क्षमता मिलेगी। साथ ही भारतीय नौसेना की त्रि-आयामी क्षमताओं में वृद्धि होगी। हेलीकॉप्टरों को भी कई अद्वितीय उपकरणों और हथियारों के साथ संशोधित किया जाएगा। भारत अपनी बढ़ी हुई क्षमता का उपयोग क्षेत्रीय खतरों से निपटने और अपनी मातृभूमि की रक्षा को मजबूत करने के लिए करेगा।
एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टरों को समुद्र में ‘उड़ता फ्रिगेट’ कहा जाता है। इस हेलीकॉप्टर में नाइट विजन उपकरण, हेलिफायर मिसाइलें, एमके-54 टॉरपीडो और रॉकेट लगे हैं। अमेरिका से भारतीय नौसेना को यह रोमियो हेलीकॉप्टर ऐसे समय पर मिल रहे हैं जब भारत हिन्द महासागर में चीनी पनडुब्बियों और जंगी जहाजों की घुसपैठ का सामना कर रहा है। सी हॉक में लगे राडार और सेंसर न केवल पानी के अंदर पनडुब्बियों की पहचान करने में सक्षम होंगे बल्कि समय रहते उनका शिकार भी कर सकेंगे। इस खूंखार शिकारी से हरेक पनडुब्बी का कैप्टन डरता है। यह हेलिकॉप्टर कई अलग-अलग तरह के हथियारों से लैस हो सकता है, क्योंकि इसमें हथियारों को लगाने के लिए चार प्वाइंट्स दिए गए हैं। सुरक्षा के लिए इसमें 7.62 एमएम की मशीन गन को भी लगाया जा सकता है।
source- हिन्दुस्तान समाचार