धर्म-संस्कृतिः 4 जुलाई से सावन के महीने का आरंभ हो चुका है। इस महीने में विशेष रूप से सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करने वाले भक्तों की सभी मुरादें पूरी हो जाती है। वहीं मान्यता ये है कि सावन के महीने में शिव-पार्वती पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं और सत्कर्म करने वाले अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। भगवान आशुतोष सावन में सिर्फ एक लोटा जल अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। वहीं शिव ग्रंथों में अलग-अलग प्रकार के शिवलिंग का महत्व बताया गया है, जिनका अभिषेक करने से कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। आज हम आपको बताने जा रहा हैं कि किस प्रकार के शिवलिंग के पूजन से क्या फल मिलता है।
बता दें सावन के महीने में पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सभी कष्ट दूर होकर सभी मनोरथ पूरे होते हैं। पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने वाले शिव साधक के जीवन से अकाल मृत्यु का डर दूर हो जाता है और भगवान शिव के आशीर्वाद से धन-धान्य,सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
अगर आप धन संबंधित समस्या से काफी परेशान हैं या बहुत प्रयासों के बाद भी सफलता नहीं मिलती है तो आपको सोने से बने शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। इससे आप पर शिवजी की कृपा होने के अलावा मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है, साथ ही आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।
वहीं अगर आप चाहते हैं कि कभी भी धन-धान्य की कमी न हो तो चांदी से बने शिवलिंग की पूजा करें। भगवान शिव की कृपा से आपको जीवन में सुख-साधनों की प्राप्ति होती है।
इसको लेकर मान्यता है कि जो भक्त पीतल के शिवलिंग की पूजा-अर्चना करता है, साथ ही रुद्राभिषेक भी करता है उस पर भोलेनाथ अपनी कृपा बरसाते हैं। मनुष्य के हर तरह के दुख-दर्द और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
स्फाटिक यानि क्रिस्टल से बने शिवलिंग की भी पूजा की जाती है। इससे भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है और कार्यों में सफलता मिलती है।