शिमला : शिमला में बारिश और बर्फबारी के बाद भूस्खलन हुआ. भारी भूस्खलन से रॉक क्रेशर की आड़ में पहाड़ी हिल गई। इस आश्रय स्थल में सो रहे बिहार के दो मजदूरों की भूस्खलन में दबकर मौत हो गयी. दोनों मजदूरों के शव निकाले गए. वहां मौजूद पांच अन्य मजदूर इस दुर्घटना में चमत्कारिक ढंग से बच गए। घटना छोटा शिमला थाना के अंतर्गत अश्वनी-जुन्गा सड़क के समीप अश्वनी खड्ड पर लगे एक स्टोन क्रशर के पास घटी।
पुलिस के मुताबिक क्रशर मजदूरों के लिए शेल्टर बनाया गया है. वहां सात मजदूर रहते थे. पहाड़ी से भारी भूस्खलन हुआ और आश्रय नष्ट हो गया। शाम करीब 4 बजे हुए इस भूस्खलन से हड़कंप मच गया. शेल्टर पर भारी पत्थरों की बारिश होने से मजदूरों को वहां से निकलने का समय नहीं मिला, जिससे दो मजदूर भारी पत्थरों के नीचे दब गए. पांच अन्य कर्मचारी अपनी जान बचाने के लिए भागे।
एक घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद दोनों शव बरामद कर लिए गए।
देर शाम अश्वनी खाड़ा में भूस्खलन की खबर मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और फायर ब्रिगेड और होम गार्ड के जवानों के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. करीब एक घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मलबे में दबे दो मजदूरों के शव बरामद किये गये. मृतकों की पहचान 34 वर्षीय राकेश और 36 वर्षीय राजेश कुमार के रूप में की गई है, दोनों बिहार के निवासी हैं। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी शिमला भेजा गया है। घायलों में बिहार के 18 वर्षीय राहुल कुमार, 42 वर्षीय मेग सहनी, 35 वर्षीय बैजनाथ राम, 45 वर्षीय अशोक राम और चंबा के 20 वर्षीय टोनी कुमार भी शामिल हैं। जिला प्रशासन ने मृतकों और घायलों को प्रारंभिक सहायता प्रदान की।
भूस्खलन की घटना की सूचना मिलते ही शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप सुबह मौके पर पहुंचे और घटनास्थल पर बचाव कार्यों का जायजा लिया. उन्होंने उन श्रमिकों से बात की जो घटना में सुरक्षित बच गए और उनके साथियों की दुर्घटना में मौत के बाद उन्हें सांत्वना दी। उपायुक्त ने बचाव कार्य में पुलिस, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और होम गार्ड के प्रयासों की सराहना की। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (कानून एवं व्यवस्था) अजीत कुमार भारद्वाज, शिमला ग्रामीण उप-जिला न्यायाधीश कविता ठाकुर और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।