बागेश्वर (उत्तराखंड): विशेष सत्र न्यायाधीश मोहम्मद दिलवार दानिश ने पॉक्सो अधिनियम में दोषी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। पांच हजार रुपये का अर्थदंड से भी दंडित किया।
घटनाक्रम के अनुसार 23 फरवरी 2021 की सुबह कपकोट के एक गांव से नाबालिग गायब हो गई। उसकी उम्र 17 वर्ष 10 महीना थी। उसके भाई ने रिश्तेदारों से पूछताछ की लेकिन उसका पता नहीं चला। उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया। जिसमें लिखा था कि मैं आप लोगों से कहीं दूर चली गई हूं। आप मुझे माफ कर देना। मैसेज जाख गांव निवासी भगवत सिंह के नंबर से था।
परिजनों ने पटवारी के यहां रिपोर्ट दर्ज कराई। पटवारी ने दोषी को पांच मार्च 2022 को उसके घर से गिरफ्तार किया। पीड़िता भी उसी के घर के पास बरामद हुई। पीड़िता ने बताया कि भगवत उसे लेकर हल्द्वानी, दिल्ली और बंगलूरु गया और उसका शारीरिक शोषण किया। इसके बाद मामला रेग्युलर पुलिस को हस्तांतरित हुआ।
पुलिस ने पॉक्सो समेत 363, 366 ए, 376 में मामला दर्ज किया। पीड़िता गर्भवती थी। दोषी और पीड़िता का डीएनए टेस्ट किया गया। विशेष लोक अभियोजन खड़क सिंह कार्की ने पीड़िता को न्यायालय में पेश किया लेकिन वह मुकर गई और अभियुक्त पर आरोप लगाने से इंकार कर दिया और दबाव में लेने की बात कही।
डीएनए रिपोर्ट में अभियुक्त भगवत सिंह और पीड़िता को बायोलोजिकल माता-पिता बताया गया। मामले में विशेष न्यायालय के न्यायाधीश ने भगवत सिंह को पॉक्सो में दोषी पाया और उसे 20 वर्ष के कठोर करावास की सजा सुनाई। दोषी को पांच हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया।