चमोली: सात दिनों तक चलने वाला ऐतिहासिक गौचर मेला 14 नवंबर से शुरू होगा। गौचर मेला उत्तराखंड के सबसे पुराने मेलों में से एक है। गौचर मेले में उत्तराखंड की लोककला, संस्कृति के दर्शन होते हैं। गौचर मेला गढ़वाल का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक मेला है। जिसे लेकर लोगों में काफी उत्साह रहता है।गौचर मेले की तैयारियों को लेकर रविवार को जिलाधिकारी मेला अध्यक्ष संदीप तिवारी की अध्यक्षता में राइका गौचर सभागार पहली बैठक हुई। जिसमें मेले को भव्य स्वरूप देने एवं मेले के सफल आयोजन के लिए जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, एवं स्थानीय लोगों से महत्वपूर्ण सुझाव लिए गए। मेले के आयोजन के संबंध में विभिन्न विभागों के साथ जरूरी व्यवस्थाओं पर विचार-विमर्श भी किया गया।
मेले में उच्च स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। मेले के दौरान गौचर बाजार और क्षेत्र का विशेष सौंदर्यीकरण, नगर में पार्किंग, परिवहन, साफ-सफाई एवं सुरक्षा के सभी इंतेजाम किए जाएंगे। जिलाधिकारी ने एसडीएमध्मेला अधिकारी को मेला समिति के अन्तर्गत शीघ्र सभी समितियों का गठन करने के निर्देश दिए। समितियों के दायित्व निर्धारित करते हुए जिम्मेदारी तय की जाए। मेले के लिए आवश्यक टेंडर प्रक्रिया को समय पूरा करने को कहा। बैठक में बिजली, पानी, रसोई गैस की आपूर्ति सुचारू रखने आदि के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये गये। इस दौरान मेले की विभिन्न व्यवस्थाओं को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।