सुंदरनगर: पूरे प्रदेश में बरसात के मौसम में आई फ्लू के बढ़ते प्रकोप के चलते लगातार लोग के संक्रमित होने का क्रम जारी है। इसी बीच सुंदरनगर उपमंड़ल के विभिन्न क्षेत्रों में आई फ्लू ने अपने पांव पसारते हुए लोगों को फ्लू की चपेट में ले लिया है। एक अनुमान के मुताबिक सुंदरनगर उपमंड़ल के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में रोजाना 100 से 120 मरीज आई फ्लू से ग्रस्त उपचार के लिए पहुंच रहे है। स्कूलों में आई फ्लू का संक्रमण लगातार बढऩे से स्कूल प्रबंधन द्वारा ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें ठीक होने तक अवकाश पर भेजा जा रहा है, सिविल अस्पताल सुंदरनगर में भी रोजाना 50 के करीब मरीज आई फ्लू की शिकायत को लेकर जांच के लिए पहुंच रहे है।
सिविल अस्पताल सुंदरनगर के एसएमओ व बाल रोग विशेषज्ञ डा. चमन ठाकुर ने बताया कि आई फ्लू संक्रमण बरसात के दिनों में हर वर्ष होता है। इस मर्तबा यह तेजी से फैल रहा है। इससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है और केवल इसमें सावधानियां बरतते हुए अन्य लोगों को संक्रमण से बचाने हेतु स्वयं आगे आना चाहिए। यह फ्लू आंखों का यह इंफेक्शन वायरल कंजक्टिवाइटिस है। जिसकी वजह से आंखें लाल हो जाती है और सूजन आ जाती है। आंखों से फ्लूड निकलने लगता है और इरिटेशन की समस्या पैदा हो जाती है। यह इंफेक्शन आमतौर पर 5 से 7 दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है और आंखों के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं होता है।
डा. चमन ठाकुर ने आई फ्लू से बचाव को लेकर आवश्यक सावधानियों बरतने की सलाह देते हुए बताया कि आंखों को रगड़ें नहीं। आंखों को छूने या रगडऩे से बचें, क्योंकि इससे आंखों में कीटाणु पहुंच सकते हैं। सुरक्षात्मक चश्मे का उपयोग करें एयह आपको बाहरी संक्रमण से सुरक्षित रखने में सहायक होगा। संक्रमित व्यक्तियों से दूर रहेएयदि आपके आस.पास किसी को आई फ्लू है, तो संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षित दूरी बनाए रखें। काले रंग के सुरक्षात्मक चश्में का प्रयोग करें।
डा. चमन ठाकुर ने कहा कि प्राय: देखा गया है कि लोग घरेलू उपायों सहित सुनी सुनाई विधियों व दवाइयों का प्रयोग फ्लू के उपचार हेतु स्वयं ही जोर दे रहे है। जो आंखों के लिए घातक है। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे जरूरत पडऩे पर चिकित्सक से जांच करवा उनके द्वारा दी गई दवाईयों और परामर्श का ही प्रयोग करें और सुरक्षित रहें।