शिमला: हिमाचल प्रदेश के उंचे क्षेत्रों में हिमपात का क्रम जारी है। लाहौल स्पीति के केलांग मुख्यालय में रुक-रुक कर हिमपात हो रहा है। लाहौल-स्पीति जिले के जोबरंग गांव में हिमस्खलन हुआ है। इससे किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। शाम 400 बजे तक आठ सेंटीमीटर तक हिमपात दर्ज हुआ है।
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तथा दरों पर लगातार कल रात से हिमपात हो रहा है जिससे समूचा जिला एक बार पुनः शीतलहर की चपेट में है। वहीं, किन्नौर, चंबा और कुल्लू जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान भारी हिमपात हुआ है। प्रदेश में तीन नेशनल हाईवे समेत 216 सड़कें अवरुद्ध हैं। यह जानकारी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता ने दी।
प्रवक्ता ने बतया कि मनाली लेह नेशनल हाईवे, दारचा शिंकुला मार्ग और पांगी किलाड़ हाईवे 26 हिमस्खलन होने के कारण सभी प्रकार के वाहनों के लिए बंद है। काजा सड़क नेशनल हाईवे-505 ग्रांफू से काजा तथा समदो से लोसर भी सभी प्रकार के वाहनों के लिए बंद है। अटल टनल के साउथ पोर्टल, धुंधी में 37 सेंमी, सोलंगनाला में 25 सेंमी, पलचान में 20 सेंमी बर्फबारी रिकॉर्ड की गई।
सुमित खिमटा ने सीमा सड़क संगठन के उच्च अधिकारियों को निर्देशित किया है कि मौसम की अनुकूलता पर मार्गों को जल्द बहाल किया जाए। कल शाम से हो रहे हिमपात के बाद केलांग मुख्यालय में 23 सेंटीमीटर के करीब हिमपात दर्ज किया गया है। लाहौल स्पीति के ऊंचे दरों पर ढ़ाई से तीन फीट तक हिमपात हुआ है जिला के रिहायशी इलाकों में एक फीट से ऊपर हिमपात हुआ है।
सोलंगनाला के साथ अटल टनल रोहतांग, जलोड़ी दर्रा सहित पूरी लाहौल घाटी में बर्फ की मोटी परत जम गई है। अटल टनल से सभी तरह के वाहनों के लिए बंद हो गई है। चंबा के पांगी में भी भारी बर्फबारी हुई है। पांगी में वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। कुफरी में हल्के फाहे और नारकंडा-खड़ापत्थर में बर्फबारी हुई है।
उन्होंने बताया कि जिला के ग्लेशियर से संभावित क्षेत्रों में खतरा बढ़ गया है लिहाजा लोग एहतियात के तौर पर घरों से दूर ना जाए और बेवजह यात्रा को टाल दें। अपने स्थानों पर ही सुरक्षित रहें। किसी भी आपदा पर जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के जारी किए गए हेल्पलाइन नंबरों पर अवश्य संपर्क करें।
उन्होंने कहा कि विद्युत, जलापूर्ति व स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से यथावत निर्बधित रूप में उपलब्ध करवाने के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। पुलिस, गृह रक्षा वहिनी, फायर ब्रिगेड व एम्बुलेंस वाहन चालकों को भी किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है । वहीं दूसरी ओर किसान और बागवान मौसम के इस हिमपात से बेहद खुश नजर आ रहे हैं।
उम्मीद जता रहे हैं कि इस बार वे मौसमी नकदी फसल गोभी मटर ब्रोकली की अच्छी पैदावार होगी और सिंचाई कुलहों व स्प्रिंकल के माध्यम से सिंचाई करने में कोई भी मुश्किलें नहीं आएगी। सभी ग्लेशियर कई वर्षों के बाद पुनर्जीवित हो जाएंगे व जल स्त्रोत भी भरे रहेंगे।
उनका कहना था कि बागवान भी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं कह रहे हैं कि सेब के बगीचों के लिए चिलिंग हवर्स भी पूरे हो गए हैं और जमीन में भी काफी नमी हो चुकी है जो कि बंपर फसल की उम्मीद में सहायक बन रही है। लिहाजा किसान बागवान इस बार काफी उत्साहित और खुश नजर आ रहे हैं।